400 से अधिक वाहन स्वामियों को भेजे गए नोटिस
जिला परिवहन अधिकारी अभिजीत सिंह ने जानकारी दी कि राजसमंद परिवहन कार्यालय ने ऐसे करीब 400 भार वाहनों की सूची तैयार की है, जिनके मालिकों ने समय पर कर जमा नहीं करवाया है। इन सभी को मांग नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे एक सप्ताह के भीतर परिवहन कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें। यदि नियत समय में स्पष्टीकरण नहीं दिया गया या बकाया कर का भुगतान नहीं किया गया, तो राजस्थान मोटर वाहन कराधान अधिनियम 1951 के तहत इन वाहनों का पंजीयन निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी।सीज़िंग की कार्रवाई जोरों पर, उड़ा दस्तों की सक्रियता
परिवहन विभाग की उड़नदस्तों की टीमों ने जिले भर में सघन प्रवर्तन अभियान शुरू कर दिया है। सड़क पर चलने वाले उन वाहनों को चिन्हित किया जा रहा है जो बकाया कर, फिटनेस या वैध परमिट के बिना दौड़ रहे हैं। ऐसे वाहनों को मौके पर ही सीज़ किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि नियमों की अनदेखी कर सड़क पर दौड़ने वाले वाहन न केवल आर्थिक हानि पहुँचा रहे हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा बन रहे हैं। इसलिए इस बार किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी।पेनल्टी दर में बढ़ोतरी, 1 अप्रेल से लागू
वाहन स्वामियों को एक और झटका उस समय लगा जब परिवहन विभाग ने घोषणा की कि पुराने कर बकाया मामलों में देरी से भुगतान करने वालों पर अब 1.5 प्रतिशत के बजाय 3 प्रतिशत मासिक पेनल्टी वसूली जाएगी। यह निर्णय 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुका है। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि विभाग अब कर अपवंचन को लेकर अधिक सख्ती बरतेगा और वाहन मालिकों को समय पर कर जमा कराने के लिए बाध्य करेगा।तीन एमनेस्टी योजनाएं भी लागू, राहत के अवसर उपलब्ध
हालांकि सख्ती के साथ-साथ विभाग ने वाहन मालिकों को राहत देने के लिए तीन एमनेस्टी योजनाएं भी लागू की हैं:- ई-रवन्ना ओवरलोडिंग चालान में छूट: खनिज विभाग से प्राप्त ई-रवन्ना डेटा के आधार पर ओवरलोडिंग के मामलों में बनाए गए चालानों में 95 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। इससे वाहन स्वामी बड़ी राहत महसूस कर सकते हैं।
- नष्ट हो चुके वाहनों के पंजीयन प्रमाण पत्र का निरस्तीकरण: जिन वाहनों का अब अस्तित्व नहीं है, उनके लिए भी विभाग ने एक सुविधा दी है। वाहन मालिक अब अपने नष्ट हो चुके वाहनों के पंजीयन को निरस्त करवा सकते हैं और इसके लिए प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
- पुराने बकाया कर पर नई जुर्माना दरें: विभाग ने पुराने बकाया करों पर नई दरों से जुर्माना तय किया है, जो पहले की तुलना में अधिक व्यावहारिक और राहतकारी है। इससे पुराने मामलों को निपटाने में मदद मिलेगी।