डिग्री कॉलेज रोड पर हुआ हादसा
रामचंद्र और उनकी पत्नी आशा बाइक से जैसे ही जीआरपीजी कॉलेज के पास पहुंचे, उन्हें सड़क पर लटकती पतंग की डोर दिखाई दी। रामचंद्र ने डोर हटाने की कोशिश की, लेकिन यह डोर हाईटेंशन तार में उलझी हुई थी। जैसे ही उन्होंने डोर को छुआ, उसमें करंट दौड़ गया और रामचंद्र इसकी चपेट में आ गए।
पत्नी को बचाने गई आशा भी झुलसी
पति को करंट की चपेट में देख पत्नी आशा उन्हें बचाने दौड़ीं, लेकिन वह भी डोर में उतरे करंट की चपेट में आकर झुलस गईं। मौके पर मौजूद लोगों ने डंडों की मदद से किसी तरह दोनों को डोर से अलग किया। हालांकि, तब तक रामचंद्र बेहोश हो चुके थे। उन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं आशा का हाथ बुरी तरह झुलस गया है और उनका इलाज जारी है।
पतंगबाजों की लापरवाही ने ली जान
स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ युवक पतंग उड़ाने के लिए डोर में पतले लोहे के तार जोड़ते हैं ताकि वह मजबूत हो जाए। यही तार हाईटेंशन लाइन में उलझ गया था, जो हादसे की वजह बना। घटना की जानकारी मिलने पर बिजली विभाग की टीम मौके पर पहुंची और डोर को हटाया।
स्थानीय लोगों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इलाके के लोगों में इस हादसे को लेकर भारी रोष है। उनका कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी पतंग की डोर से कई हादसे हो चुके हैं। उन्होंने पतंगबाजों की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन से इस पर सख्ती से रोक लगाने की अपील की है।