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महाशिवरात्रि पर 31 साल बाद महासंयोग, 3 राशि के लोगों को विशेष फल, पूजा अर्चना का भी कई गुना लाभ

Mahashivratri 2025: नववर्ष 2025 बेहद खास है एक तो 144 वर्ष बाद त्रिवेणी योग में महाकुंभ लगा हुआ है दूसरे 31 साल बाद एक ऐसा संयोग बन रहा है कि इसमें पूजा अर्चना और शुभ कार्यों का विशेष फल मिलेगा। विशेष रूप से 3 राशियों को विशेष लाभ मिलेगा। आइये जानते हैं महाशिवरात्रि 2025 पर कौन सा दुर्लभ योग बन रहा है (career astro) ।

भारतFeb 09, 2025 / 02:49 pm

Pravin Pandey

Mahashivratri 2025 Mahasanyog

Mahashivratri 2025 Mahasanyog: महाशिवरात्रि 2025 पर महासंयोग

Mahashivratri 2025 Mahasanyog: हिंदू पंचांग के अनुसार शिव शक्ति के मिलन का महापर्व महाशिवरात्रि 26 फरवरी को त्रिग्रही योग के साथ ही श्रवण, घनिष्ठा नक्षत्र, परिघ और शिव योग के विशेष संयोग में मनाया जाएगा। प्रयागराज महाकुंभ 2025 में संगम स्नान भी बड़े पैमाने पर श्रद्धालु करेंगे।

इससे जयपुर समेत देशभर के शिवालयों में विशेष आयोजन होंगे, कांवड़ यात्री शिव का जलाभिषेक करेंगे, जगह-जगह रुद्राभिषेक जैसे अनुष्ठान होंगे। सभी बैजनाथ धाम समेत सभी 12 ज्योतिर्लिंग पर भक्त पूजा अर्चना करेंगे। बाबा धाम में शिव शक्ति के विवाह का आयोजन होगा।

जयपुर की बात करें तो छोटीकाशी स्थित चौड़ा रास्ता के ताडक़ेश्वर महादेव, वैशालीनगर के झाडख़ंड महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, विद्याधरनगर के भूतेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ के रोजगारेश्वर महादेव सहित अन्य शिवालयों में भी विशेष आयोजन होगा।


इन विशेष योग में महाशिवरात्रि

ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बनेगा। इसी दिन बुध, शनि और सूर्य तीनों कुंभ राशि में विराजमान होंगे। ऐसे में बुद्धादित्य योग, त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। खास बात ये है कि लगभग 31 साल बाद बुधादित्य और त्रिग्रही योग के संयोग में पर्व मनाया जाएगा। वहीं 7 साल बाद बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व संयोग आएगा।
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महाशिवरात्रि पर होंगे ये विशेष अनुष्ठान

इधर, जयपुर के शिवालयों में रूद्रीपाठ, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक से महादेव की पूजा अर्चना की जाएगी।
जयपुर के जीवनदास रावतानी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से गलता तीर्थ में शिव दरबार सजाकर भक्ति संगीत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
पहाड़ियों पर भगवान शिव की प्रतिमा विराजमान कर ठंडाई का भोग लगाया जाएगा। पुष्कर से कावड़ पदयात्रा खोले के हनुमान मंदिर पहुंचेगी। इस दौरान आनंदेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाएगा।


मुहाना पशुपतिनाथ मंदिर, सिद्धपीठ धाम के संत कमलेश ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे।
महाशिवरात्रि पर ही भगवान ने माता पार्वती से विवाह कर गृहस्थ जीवन में कदम रखा था। महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज के महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष संयोग निर्मित होगा। इस वजह से महाशिवरात्रि का त्योहार कई गुना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
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इन राशि के लोगों को मिलेगा परिश्रम का विशेष फल

पं.शर्मा ने बताया कि मेष राशि के जातकों के लिए इस योग में पूजा अर्चना और नए काम विशेष फल देंगे, वो जितना परिश्रम करेंगे उतना फल मिलेगा। वहीं मिथुन राशि, सिंह राशि के जातकों के लिए भी तरक्की के रास्ते सुलभ करेंगे।

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