रामलीला में व्यासगादी संभालने वाले आयोजक तिवारी परिवार के सदस्य मुकुल तिवारी ने बताया कि तकनीक के चलते कई बदलाव हुए हैं। अब पात्रों के चयन के बाद उन्हें तैयार करने में एक सप्ताह का समय लगता है। रामलीला की चौपाई, दोहा, गीत आदि को मधुर बनाने के लिए एडवांस माइक सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इससे पात्रों की आवाज तो मधुर होती ही है, इसके अलावा तकनीक से न तो पात्रों के गले पर दबाव पड़ता है, न ही उन्हें जोर से बोलने की जरुरत पड़ती है।
- आयोजक तिवारी परिवार के अनुसार रामलीला व मेले को लेकर लगभग तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंच व पंडाल के साथ मेला परिसर में दुकानों के लिए जगह का भी आवंटन हो गया है। बसंत पंचमी पर सोमवार की रात गांव के राज मंदिर (देव बांके बिहारी मंदिर) में पात्रों का श्रृंगार कर राम-सीता के रूप में आरती की जाएगी। इसके बाद सोमवार को तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए मंगलवार को राम जन्म की लीला के मंचन के साथ रामलीला की शुरूआत होगी, जिसके बाद भगवान राम के राज्याभिषेक तक की लीला का मंचन किया जाएगा।