नियम के अनुसार बिजली के तार जमीन से 21 फीट से ऊपर होना चाहिए, लेकिन जिले में कई ऐसी जगह हैं जहां पर तार लटक रहे हैं। उनकी ऊंचाई 15 से 16 फीट तक आ चुकी है। वहीं कई ऐसे पोल हैं जो टेढ़े हो चुके हैं। भविष्य में यह खतरनाक साबित हो सकते हैं।
बीते 24 जून को बालाघाट के लांजी थाना क्षेत्र के ग्राम सर्रा-नेवरवाही के बीच गुलपुर के जंगल वाले मार्ग पर मंगलवार को मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों की हाईटेंशन तार की चपेट में आने से मौत हो गई थी। तीनों एक ही परिवार के थे। मोटरसाइकिल से ग्राम देवलगांव मंदिर पूजा-अर्चना के लिए जा रहे थे। सर्रा-नेवरहावी मार्ग से गुजरने के दौरान एक पेड़ की डाल हाइटेंशन तार पर गिरी, जिससे तार टूटकर उनके ऊपर आ गिरा। इससे अचानक आग लग गई। इसकी चपेट में आकर तीनों की जलकर मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद भी विद्युत विभाग ने सबक नहीं लिया। सोमवार को सिवनी शहर में भी बिजली का तार टूटकर नीचे गिर गया।
जिले के कई गांवों में स्थिति काफी खराब है। कहीं तार काफी नीचे आ चुके हैं तो कहीं विद्युत पोल काफी टेढ़े हो चुके हैं। ऐसे में बिजली के तार कभी भी तेज हवा के झोंकों से टूटकर गिर सकते हैं। केवलारी, घंसौर, कुरई, बालाघाट सहित कई क्षेत्रों में ऐसे हालात बने हुए हैं।
निम्न दाब लाइन का एक तार मौके पर टूट गया था। जिसे सुधारने अमला मौके पर पहुंचा था। आसपास के क्षेत्र में केवलीकरण का कार्य हो चुका है। एक हिस्से में किन कारणों से केवलीकरण नहीं हुआ है इसकी जानकारी नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर एक सप्ताह में केवलीकरण करवा दिया जाएगा। पूर्व में शिकायतें मिलने पर स्टीमेंट बनाकर भेजा गया था लेकिन विभिन्न कारणों से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई थी।
जहां भी केबल ढीले हैं वहां रिप्सलमेंट का काम चल रहा है। हाइवे हो या कोई भी सडक़ अगर वहां तार नीचे आ गया है तो पोल लगाकर उसे ऊपर किया जा रहा है।
सुभाष राय, कार्यपालन यंत्री, मप्र विद्युत मंडल, सिवनी