शादी के एक सीजन में 15 लाख तक का कारोबार: जिले में फूलों की खेती न होने से प्रयागराज-बनारस से मंगा रहे फूल
एक सीजन में 12 से 15 लाख का होता है कारोबार सीधी. जिले में शादी-विवाह के सीजन में 12 से 15 लाख तक फूलों का कारोबार होता है। इसके अलावा हर मौसम में फूलों की मांग बनी रहती है, चाहे वह माला के रूप में हो, बुके के रूप में या पार्टी के आदि के […]


एक सीजन में 12 से 15 लाख का होता है कारोबार
एक सीजन में 12 से 15 लाख का होता है कारोबार सीधी. जिले में शादी-विवाह के सीजन में 12 से 15 लाख तक फूलों का कारोबार होता है। इसके अलावा हर मौसम में फूलों की मांग बनी रहती है, चाहे वह माला के रूप में हो, बुके के रूप में या पार्टी के आदि के आयोजन में। जिले में फूलों की खेती नहीं हो रही है। फूलों के व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को प्रयागराज, बनारस, नागपुर व कलकत्ता से फूल मंगाने पड़ते हैं। उद्यानिकी विभाग भी फूलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित नहीं कर पा रहा है।
बिक जाती है 50 हजार माला
व्यापारियों की माने तो शादी के एक सामान्य सीजन में 50 हजार माला बिक जाते हैं। पिछले नवंबर माह के सीजन में करीब इतनी माला बिकी थी, जबकी अप्रेल, मई व जून माह में शादी के कई शुभ मुहूर्त हैं, जिसमें 75 हजार से अधिक माला बिकने की उम्मीद है। विवाह स्थल में सजावट, दूल्हे की कार सजावट में लगने वाले फूल व माला का कारोबार अलग से होगा।
व्यापार में रिस्क ज्यादा, इसलिए नहीं बढ़ रहे कारोबारी
फूलों के कारोबार की जिला मुख्यालय पर महज चार दुकानें हैं। इनको सुरक्षित रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है, इसलिए रिस्क ज्यादा रहता है। मांग और मुनाफा होने के बावजूद जिले में कारोबारियों की संख्या नहीं बढ़ रही है। व्यापारी बताते हैं बाहर से फूल आने में रिस्क ज्यादा रहता है, इसलिए कारोबारी नहीं बढ़ रहे, यदि स्थानीय स्तर पर इनकी उपलब्धता होने लगे तो कारोबारियों की संख्या बढ़ेगी। वहीं ज्यादा मात्रा में उत्पादन होने पर बाहर भी भेजा जा सकता है, क्योंकि आस-पास के जिलों में भी फूलों की डिमांड बढ़ गई है।
फूलों की खेती जिले में हो तो मुनाफा ज्यादा मिले
जिले में शादी विवाह के सीजन के साथ ही अन्य सीजन में भी फूलों का अच्छा कारोबार रहता है। यहां प्रयागराज, बनारस, कलकत्ता व नागपुर से फूल व माला मंगाना पड़ता है। जिले में फूलों की खेती हो तो किसानों को काफी मुनाफा होगा। राकेश चतुर्वेदी, कारोबारी
यहां मुख्य रूप से बनारस व प्रयागराज से ही फूल व माला आता है। कई बार तो वहां से उपलब्धता नहीं हो पाती। डिमांड बढ़ती जा रही है। किसान फूलों की खेती कर मुनाफा कमा सकते हैं, प्रशिक्षण प्राप्त आधुनिक विधि से खेती करनी होगी। संतोष माली, कारोबारी
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