दादी को संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिकाराजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी, संयुक्त मुख्य प्रशासिकाराजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी, राजयोगिनी बीके संतोष दीदी, अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा, अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय, दादी की निज सचिव बीके लीला सहित वरिष्ठ अन्य भाई-बहनों ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व हजारों लोगों ने ओम ध्वनि की और ओम शांति मंत्रोच्चारण कर व मौन रहकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
उल्लेखनीय है कि 8 अप्रेल को रात्रि 1.20 बजे अहमदाबाद के जॉइडिस हॉस्पिटल में दादी ने अंतिम सांस ली थी। गृहमंत्री अमित शाह, उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता सहित कई मंत्रियों, राजनेताओं, अधिकारियों व गणमान्य लोगों ने दादी के निधन पर शोक संदेश भेजकर दुख जताया है। अंतिम यात्रा में पहुंचे जालोर-सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी ने कहा कि दादी का जाना पूरे जिले के लिए अपूरणीय क्षति है।
भाई-बहनों ने दादी की पार्थिक देह के सामने बैठकर दिन-रात किया योग दादी रतनमोहिनी के महाप्रयाण के बाद संस्थान के मुख्यालय शांतिवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में 48 घंटे तक दिन-रात अखंड योग- साधना चली। दादी की पार्थिक देह के सामने ब्रह्माकुमार भाई-बहनों ने घंटों बैठकर राजयोग मेडिटेशन के जरिए दादी की आत्मा को शांति और शक्ति के शुभ बाइव्रेशन दिए। लाल लाइट में 8 अप्रेल को सुबह 8 बजे से 10 अप्रेल सुबह 8 बजे तक दिन-रात अखंड योग चला।
अंतिम संस्कार में भाइयों के साथ बहनें भी हुई शामिल संस्थान में अंतिम संस्कार व अंतिम यात्रा में भाइयों के साथ बहनें भी शामिल होती हैं। साथ ही मुखाग्नि भी भाइयों के साथ बहनें भी देती हैं। संस्थान का मानना है कि नारी शक्ति को स्वयं परमात्मा ने आगे बढ़ाया है और विश्व शांति के कार्य में आगे रखा है। अंतिम संस्कार के पूर्व संस्थान का शिव ध्वज पार्थिक शरीर को अर्पित किया जाता है।