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Skand Temple 2024: शिव पुत्र स्कंद के दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिर कौन से हैं, जानें महत्व

Skand Temple 2024 क्या आप सभी जानते हैं पुत्र स्कंद के इन मंदिरों के बारे में अगर नहीं तो जान ले, दक्षिण भारत के यह प्रमुख मंदिर..

जयपुरNov 19, 2024 / 02:45 pm

Diksha Sharma

Skand Temple 2024

Skand Temple 2024

Skand Temple 2024: दक्षिण भारत के देव रक्षक भगवान कार्तिकेय के कई भव्य मंदिर है। जो कि दक्षिण भारत में स्थित है। आइए जानते हैं पुत्र स्कंद के इन प्रसिद्ध मंदिरो के बारे में..

स्कंद मंदिर (Skand Temples)

भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय को दक्षिण भारत में भगवान मुरुगन के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में भगवान के मुरुगन के कई भव्य मंदिर भी हैं, जो अलग-अलग नाम से जाने जाते हैं। इन मंदिरों में लोग दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं। दक्षिण भारत में भगवान मुरुगन को रक्षक देव भी कहा जाता है। तो आइए जानते हैं दक्षिण भारत में प्रसिद्ध इन मंदिरों के बारे में…

भगवान मुरूगन के प्रसिद्ध मंदिर (Famous temples of Lord Murugan)

1. थिरूपारनकंद्राम (Thiruparankandram)

तमिलनाडु के मदुरै में स्थित थिरूपारनकंद्राम मंदिर भगवान मुरुगा को समर्पित है, यह मंदिर काफी विशेष माना जाता है क्योंकि यहां भगवान मुरुगन ने देवताओं के राजा इंद्र की बेटी देवयानी से विवाह किया था। इस मंदिर में भगवान मुरुगा की पूजा सुब्रमण्यम रूप में बरसों से की जा रही है। भगवान मुरुगन का यह मंदिर एक पहाड़ी पर गुफा में स्थित है। जिसे राजा मारवार्मन सुंदर पांडियन के द्वारा बनवाया गया था।
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2. सालुवनकुप्पम (Saluvankuppam)

भारत के तमिलनाडु के सालुवनकुप्पम में मुरुगन मंदिर तामिल हिंदू देवता मुरुगन को समर्पित एक मंदिर है। इस मंदिर को भारत का सबसे पुराना मंदिर कहा जाता है। मंदिर का मुख उत्तर की ओर है, जो कि अधिकांश हिंदू मंदिरों से अलग है। यह भी कहा जाता है कि यह राज्य में खोजे जाने वाले केवल दो पूर्व-पल्लव मंदिरों में से एक है।

3. स्वामिमलाई (Swamimalai)

यह मंदिर कंबकोणम के निकट स्थित है। इस मंदिर में भगवान के बाल स्वरुप की पूजा की जाती है। जिसे बालमुर्गन के नाम से जाना जाता है। ये भव्य मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। जिसे पार करने के लिए लगभग 60 सीढ़ियों को चढ़ना पड़ता है। यह मंदिर और मंदिरों के अलावा काफी खास माना जाता है क्योंकि यहां पर भगवान मुर्गन मोर नहीं बल्कि ऐरावत हाथी पर सवार हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह हाथी भगवान इन्द्र ने भेंट किया था।
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4. थिरुचेंदर (Thiruchendar)

तमिलनाडू के तूतीकोरिन जिले में स्थित, थिरेचेंदर मंदिर को भगवान मुरुगन का विजय चिन्ह भी माना जाता है, जो समुद्र तट के निकट स्थित है। यह मंदिर देखने में भव्य और खूबसूरत लगता है। लोग इस मंदिर को देखने के लिए बड़े-बड़े दूर से आते हैं।

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