खेतों में लहलहाने लगी सौंफ की फसल
फलासिया पंचायत समिति क्षेत्र के डैया, बुझा, टिण्डोरी, अम्बाबी, हुण्डला सहित गुजरात सीमा के निकटवर्ती गांवों के खेतों में सौंफ की फसलें लहरा रही है। गांव के किसान लक्ष्मणलाल, लालूराम, राजेंद्र कुमार, सोमा तबियार, लक्ष्मण, धर्मचंद, वालूराम, भैरा, अरविंद कुमार, मेवाराम, अंबालाल ने बताया कि अब तक मौसम फसल के अनुरूप बना हुआ है। खेतों में सौंफ की फसल में पीले फूल आना शुरू हो गए है। अब खेतों में सौंफ के फूलों से खुशबू आने लगी है और फसल पकने लगी है। इससे अच्छी पैदावार की उम्मीद है। कई किसानों ने कटाई करना भी शुरू कर दिया है। अप्रेल माह तक सौंफ की फसल की कटाई शुरू हो जाएगी।
गुजरात के ऊंझा मंडी में बिकती है सौंफ
सौंफ की कटाई का कार्य पूरा होने के बाद गांवों के किसान सौंफ को बेचने नजदीकी गुजरात के ऊंझा मंडी पहुंचेंगे। वर्तमान में ऊंझा मंडी में सौंफ की 20 किग्रा उपज के 6-7 हजार रुपए तक मिल रहे है। किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से बढ़ावा मिले तो क्षेत्र में औषधीय गुणों की खान सौंफ से कई तरह के उत्पाद बनाने के उद्योग स्थापित किए जा सकते है। इससे किसानों को माल बेचने गुजरात नहीं जाना पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर ही आपूर्ति की सुविधा मिलने से किसानों को भी अच्छे दाम मिलेंगे। सरकार को क्षेत्र में कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाने की पहल करनी चाहिए।
सौंफ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
वैसे तो सौंफ का उपयोग कई रूप में किया जाता है। सौंफ का सबसे अधिक उपयोग मसालों के लिए किया जाता है। साथ ही यह पाचन संबंधी समस्याओं से लेकर आंखों की रोशनी बढ़ाने, मुंह की दुर्गंध दूर करने और अन्य समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होती है।
इनका कहना है
इस क्षेत्र में सैकड़ों किसान सौंफ की खेती कर रहे है। किसानों को कृषि संबंधी प्रशिक्षण एवं पूर्ण जानकारी का अभाव होने से ये उचित मुनाफा नहीं कमा पाते। समय-समय पर कृषि विभाग की ओर से किसानों को कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों की जानकारी तथा कृषि से संबंधित सरकार की योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी देकर जागरूक किया जाना चाहिए। क्षेत्र में सौंफ की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार को गुजरात पैटर्न के हिसाब से किसानों को लाभ एवं अनुदान राशि देनी चाहिए। इससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सके। –चंदूलाल भणात, सरपंच, डैया इस क्षेत्र में करीब 20 हेक्टेयर जमीन पर किसानों की ओर से सौंफ की खेती की जा रही है। मैं समय-समय पर किसानों को सौंफ की खेती से संबंधित जानकारी देता हूं। गिरदावरी नहीं होने के कारण किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान एवं सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। यह कार्य तहसीलदार, पटवारी के माध्यम से करवा दिया जाता है तो आगे राज्य सरकार को भेजकर इन किसानों को समय पर अनुदान सहित सुविधाएं उपलब्ध हो सकती है।
-शिवदयाल मीणा, सहायक कृषि अधिकारी, फलासिया