21 जून तक रहेगा क्रम
सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश के कारण दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होगी। यह क्रम 21 जून तक रहेगा। सूर्य की किरणों की तीव्रता के कारण ग्रीष्म ऋतु का प्रारभ होता है। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि वेधशाला में 20 मार्च की घटना को शंकु यन्त्र तथा नाड़ी वलय यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। 20 मार्च को शंकु की छाया पूरे दिन सीधी रेखा (विषुवत रेखा) पर गमन करती हुई दिखाई देगी।20 मार्च के पूर्व नाड़ी वलय यन्त्र के दक्षिणी गोल भाग (24 सितबर से 19 मार्च तक) पर धूप थी। 20 मार्च को नाड़ी वलय यन्त्र के उत्तरी तथा दक्षिणी किसी गोल भाग पर धूप नही होगी तथा 21 मार्च से अगले छ: माह (22 सितबर तक) नाड़ी वलय यन्त्र के उत्तरी गोल पर धूप रहेगी। इस प्रकार सूर्य के गोलार्ध परिवर्तन को हम नाड़ी वलय यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देख सकते है। 20 मार्च को जीवाजी वेधशाला में इस खगोलीय घटना देखी जा सकेगी।