उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला पंचायत सदस्य सिकंदरपुर सरोसी सरला लोधी निवासी थाना ने 30 अगस्त 2024 को खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज इंद्रा देवी की शिकायत की थी। अपने शिकायती पत्र में इंद्रा देवी पर भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया था। शिक्षकों से अवैध वसूली करने, अवकाश स्वीकृत करने में अनावश्यक विलंब, विद्यालय निरीक्षण के दौरान अपने साथ अनाधिकृत व्यक्ति को रखने का भी आरोप लगा था।
7 जनवरी को जांच रिपोर्ट सौंपी गई
जिसकी जांच मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक कानपुर मंडल कानपुर से कराई गई। 7 जनवरी को जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि खंड शिक्षा अधिकारी इंद्रा देवी शिक्षकों के अवशेष भुगतान में अनावश्यक रूप से देरी करती है। अपने अधीनस्थ कर्मियों को अवकाश अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर स्वीकृति करती है, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना, उन्हें भ्रामक सूचना देना, विद्यालय में होने वाले निर्माण कार्यों में दबाव बनाकर अवैध वसूली, शिक्षकों को बीआरसी केंद्र पर बुलाकर पाठ्य पुस्तक देना, विद्यालय के निरीक्षण के दौरान अपने साथ अनाधिकृत व्यक्ति को रखने आदि मामले में दोषी पाई गई।
तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित
उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 के नियम के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से इंद्रा देवी को निलंबित कर दिया गया। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक उत्तर प्रदेश कामता राम पाल ने अपने आदेश में बताया है कि खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। उप शिक्षा निदेशक (अर्थ) शिक्षा निदेशालय प्रयागराज को जांच अधिकारी बनाया गया है। निलंबन आबादी के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी, उप शिक्षा निदेशक मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) कानपुर मंडल से संबंद्ध की गई है।