अदालत ने पहली बार पेश तीन आरोपियों आशिक, करीम व कैफे संचालक श्रवण को 27 फरवरी तक, जबकि चार दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर लुकमान, सोहेल, रेहान व अफराज को 25 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर सौंपा। प्रकरण में आरोपी आशिक व करीम पर छात्राओं के आवागमन व उनकी दिनचर्या पर नजर रखने के आरोप हैं।धक्का मुक्की व तीखी झड़पेंआरोपियों की पेशी के दौरान चार थानों के पुलिस जाप्ते को खासी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस को आरोपियों को पेश करने व पेशी के बाद ले जाने के दौरान धक्का-मुक्की का सामना करना पडा।
आक्रोशित वकीलों ने आरोपियों की तरफ बढ़ना चाहा, हालांकि पुलिस की सजगता से मामला टल गया। पुलिस ने दौड़ लगाते हुए आरोपियों को बस में सुरक्षित पहुंचाया। इस बीच कई स्थानों पर पुलिस व वकीलों के बीच तीखी झड़प भी हुई। पेशी के बाद आरोपियों को भगाकर ले जाने के दौरान एक आरोपी के हाथ में बंधी चेन रास्ते में खड़ी बाइक में उलझ गई, जिससे एक पुलिसकर्मी गिर गया। उल्लेखनीय है कि पहली पेशी के दौरान पूर्व में आरोपियों के साथ वकीलों ने मारपीट कर दी थी।
———————————————————————- पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों का रिमांड बढ़ायापूर्व में गिरफ्तार आरोपी लुकमान, सोहेल, रेहान व अफराज को भी शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इन आरोपियों को 25 फरवरी तक रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। मामले में निरुद्ध विधि विरुद्ध संघर्षरत तीन बालकों को पहले ही बाल न्यायालय में पेश कर बाल सुधार गृह भेजा जा चुका है। प्रकरण में अब तक कुल 10 जने पकड़े जा चुके हैं।रिमांड में कॉल डिटेल से पता लगाएंगेविशेष लोक अभियोजक रूपेन्द्र परिहार ने बताया कि शुक्रवार को पहली बार अदालत मेें पेश किए आशिक, करीम व कैफे संचालक श्रवण से पूछताछ करनी है। परिहार ने तर्क दिए कि पुलिस रिमांड अवधि के दौरान कैफे की सीडीआर व डीवीआर निकलवाकर कैफे में आने जाने वाले लोगों का पता लगाने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से बातचीत की कॉल डिटेल भी निकालेगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि मामले में कोई और भी पीडि़ता तो नहीं है, जो अब तक सामने नहीं आ पा रही।घटना स्थल की तस्दीक व कॉल डिटेल का अध्यनपुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली है। उनके संपर्क किन- किन लोगों से है तथा उनकी बातचीत छात्राओं से कब-कब व कितनी बार हुई।
बातचीत में पीडि़ताओं को बुलाने का दबाव या उन्हें कुछ करने को मजबूर करने या डराने जैसी कोई बात हुई तो इनका भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रकरण में आरोपियों के अलावा कोई बाहर का जुड़ाव तो नहीं है इसका भी पता लगाया जाएगा।मास्टर माइंड कौन…अब तक की पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी वाहनों की डेेंटिंग पेंटिंग या छोटा-मोटा कोई काम करते थे। ऐसे में इनका संपर्क स्कूली छात्राओं से होना भी जांच का विषय है। इसके साथ छात्राओं को कथित तौर पर वीडियो बनाने के नाम पर ब्लैकमेल कर अन्य छात्राओं से संपर्क किसने कराया। छात्राओं को धर्म विशेष के अनुसार चलने के लिए बाध्य करने जैसे कई आरोप सामने आ रहे हैं। इसकी भी जांच की जा रही है कि इसके पीछे कोई मास्टर माइंड तो नहीं जो इन्हें इस प्रकार के अपराध में लिप्त करना चाह रहा हो।
——————————————- 15 मिनट में सुनवाई पूरी कर बस में किया रवानाअजमेर कोर्ट में सुबह 10 बजे से बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया। संभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने वाले प्रवेश द्वार से आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत कक्ष में सुबह 11.35 बजे लाया गया। यहां करीब 10 मिनट सुनवाई के बाद आरोपियों को कैंटीन के सामने से होते हुए मिशन स्कूल वाले निकासद्वार से बस में बैठाकर रवाना किया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
पुलिस पर अभद्रता का लगाया आरोप आरोपियों को कोर्ट से ले जाने के दौरान एडीजे कोर्ट संख्या दो के सामने से गुजरने के दौरान एक वकील प्रदीप कुमार को पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से धक्का दे दिया। वकील प्रदीप का आरोप है कि वह रास्ते से जा रहा था तभी पुलिस निरीक्षक भीम सिंह ने उसके साथ कथित रूप से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए धक्का दे दिया। उसने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक को कर कार्रवाई की मांग की।
वकीलों ने हस्तक्षेप कर तनाव टाला एडीजे कोर्ट के बाहर से कैंटीन की ओर जाते वक्त वकीलों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की व झडप हुईं। इस बीच कुछ लोग आरोपियों की ओर लपके, लेकिन वकील प्रशांत यादव, अजय वर्मा आदि ने हस्तक्षेप कर लोगों को शांत कर आरोपियों को सुरक्षित निकलवाया।
जयपुर रोड से प्रवेश व मिशन स्कूल के पास से निकाला करीब 100 से अधिक जवान सैशन कोर्ट में तैनात रहे। कोई भी अप्रिय घटना ना हो इसे देखते हुए पुलिसकर्मी प्रवेश द्वार से लेकर अदालत कक्ष व वहां से मिशन स्कूल के पास वाले दरवाजे तक कतार के रूप में खड़े रहे। आरोपियों को इसी सुरक्षा घेरे के रास्ते अदालत परिसर से बाहर निकालकर बस में बैठाया गया।