औरैया के ऐरवाकटरा क्षेत्र के एक गांव की किशोरी का निकाह भरथना रोड स्थित एक दुकान में आगरा निवासी नसीम (प्रेमी) के साथ कराया जा रहा था। पुलिस को सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देख निकाह पढ़ाने वाला मौलाना मौके से फरार हो गया, जबकि पुलिस ने युवक नसीम को हिरासत में ले लिया। किशोरी को कोतवाली लाकर पूछताछ की गई।
उम्र को लेकर संदेह, स्कूल रिकॉर्ड से पुष्टि हुई नाबालिग
19 जून को बाल संरक्षण टीम की सदस्य रीना चौहान ने किशोरी के परिवार वालों से पूछताछ की और उसकी उम्र से संबंधित दस्तावेज मांगे। परिजनों द्वारा दिखाए गए आधार कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र हाल ही में बने हुए पाए गए, जिससे टीम को संदेह हुआ। इसके बाद, टीम ने किशोरी के गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के रिकॉर्ड की जांच की, जहां यह पुष्टि हुई कि वह अभी नाबालिग है।
माता-पिता और प्रेमी पर बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत केस
जिला प्रोबेशन अधिकारी की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आगरा के बाह क्षेत्र के गांव नगुपुरा निवासी नसीम, किशोरी की मां सलमा बेगम और पिता आबिद अली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाल मुकेश बाबू चौहान ने बताया कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है और फरार मौलाना की तलाश जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि नाबालिगों के विवाह को रोकने के लिए पुलिस सख्ती से काम कर रही है और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कानून क्या कहता है?
भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार, 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह कराना अवैध है। इस कानून के उल्लंघन पर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है।