पहले पत्नी पर हमलावर हुए बंदर, बचाने पर हुआ हादसा
कालीबाड़ी निवासी 62 वर्षीय जगदीश के मकान की दूसरी मंजिल की छत पर मंगलवार को कपड़े फैले हुए थे। उनकी पत्नी उठाने गईं तो बंदर हमलावर हो गए। शोर सुनकर जगदीश बचाने पहुंचे तो बंदरों का झुंड करीब आ गया। उन्होंने बंदरों को भगाया तो उनमें से एक का पैर रेलिंग में फंस गया। जगदीश उसे बचाने के लिए आगे बढ़े तो दूसरे बंदर उन पर हमलावर हो गए। घबराहट में वह रेलिंग से नीचे गली में गिरकर घायल हो गए। परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। जगदीश प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का काम करते थे। मोहल्ले वालों ने नगर निगम के बंदर पकड़ो अभियान पर सवाल किया। बोले- अगर बंदर पकड़े गए होते तो यह हादसा न होता।
नगर निगम के पार्षद कई बार उठा चुके हैं ये मुद्दा
बंदरों के हमले से लोगों के घायल होने का मुद्दा पार्षद हरिशंकर कश्यप नगर निगम बोर्ड की बैठकों में कई बार उठा चुके हैं। हर बार सिर्फ आश्वासन मिले, पर बंदर नहीं पकड़े गए। पार्षद ने बताया कि बीते दिनों वह अधिकारियों से मिले थे। तब भी सिर्फ आश्वासन मिला था, वार्ड में बंदर नहीं पकड़े गए। वार्ड में बंदरों का आतंक इस कदर है कि अगर कोई एक आदमी छत पर कपड़े सुखाने जाता है तो घर का दूसरा सदस्य डंडा लेकर उसकी सुरक्षा के लिए जाता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। हादसे के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन कालीबाड़ी में टीम को भेजकर बंदरों को पकड़वाया जाएगा।