8 करोड़ खर्च फिर भी नहीं निखरा, अब 11.58 करोड़ खर्चे की तैयारी गांधीसागर तालाब नगर परिषद के लिए सफेद हाथी बन रहा। इसे निखारने के नाम पर परिषद अब तक करीब आठ करोड़ रुपए पानी में डूबा चुकी है। फिर भी तालाब डम्पिंग यार्ड का दंश झेल रहा। गांधी सागर तालाब में गंदगी का अम्बार है। गंदा पानी इसमें मिल रहा। परिषद ने तालाब को उदयपुर की फतहसागर झील की तर्ज पर विकसित करने का दावा किया था। हकीकत यह है कि गंदे नाले सरीखा दिखाई देता है। चारों तरफ गंदगी फैली है। तालाब से निकलने वाले गंदा पानी की निकासी के स्थान पर हजारों टन प्लास्टिक थैलियां भरी पड़ी है। बोर्ड बैठक में इसके सौंदर्य पर करोड़ों रुपए खर्च करने के प्रस्ताव लिए गए। गांधीसागर तालाब का सौंदर्यकरण तो नहीं हुआ लेकिन इसके नाम पर जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने अपनी जेबें जरूर भरी। 1995 से लेकर अब तक 8 करोड़ से अधिक की राशि गांधी सागर के सौंदर्यकरण पर खर्च की जा चुकी। इसके बावजूद भाजपा बोर्ड 9 करोड़ और खर्च करने की तैयारी कर रही है। हालांकि इस राशि में सांगानेर का तालाब भी शामिल है। इस तालाब में आ रहे गंदे पानी को रोकने के लिए एक नाला निर्माण होगा इस पर लगभग 2.58 करोड़ अलग से व्यय होंगे।
आर्ट गैलरी पर 3 करोड़ का बजट रोडवेज बस स्टैंड के सामने स्थित आर्ट गैलरी की जमीन पर न्यायालय का स्थगन है। लेकिन निगम ने अपने बजट में आर्ट गैलरी के लिए 3 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। यह राशि कहां व कैसे खर्च होंगी इसका कोई उल्लेख नहीं है। इसके अलावा वाहन खरीद पर 786 लाख तथा ई-बस के लिए 150 लाख व्यय होंगे।
स्थाई संपत्तियों पर व्यय निगम अगले साल बाग-बगीचे पर 10 लाख, उद्यान 10 लाख, कार्यालय भवन पर 9 करोड़, सामुदायिक भवन पर 5 करोड़, हरणी महादेव क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए 1 करोड़, 20 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में कंवीवशन सेंटर निर्माण कार्य पर 9 करोड़, कंक्रीट सड़क 10 करोड़, डामर सड़क 10 करोड़, अन्य सड़क 1 करोड़, पुल व पुलिया पर 4 करोड, नाले व नालिया पर 8 करोड़, सीवरेज के काम पर 116 करोड़, विद्युत लाइन विस्तार, विद्युत उपकरण तथा अन्य विद्युत सामग्री पर 430 लाख, नलकूप, कुएं व पाइप लाइन पर 21 लाख, स्थापना व्यय यानी वेतन, पेंशन समेत अन्य पर 102.40 करोड़ व्यय होंगे।
इनसे होंगी आय यूडी टेक्स से 8.10 करोड़, सरकार से 100 करोड़, किराया से 178 लाख, शुल्क व उपभोक्ता से वसूली 5.56 करोड़, विक्रय व भाड़ा 25.30 करोड़, राजस्व अनुदान, अंशदान व सहायाता के रूप में 3.60 करोड़, निवेश से आय 6.78 करोड़, ब्याज से 1.50 करोड़, सरकार से अनुदान 203 करोड़ मिलेंगे।