टेक्सटाइल सेक्टर को मामूली राहत आरआईपीएस 2024 के तहत एमएसएमई इकाइयों की नई वृहद परिभाषा के अनुरुप लाभ दिए जाने एवं बड़े निवेशकों के अनुरुप एमएसएमई इकाइयों को विस्तारीकरण के लाभ दिए जाएंगे। आरआईपीएस-2024 एवं आरआईपीएस-2022 के तहत टर्नओवर लिंक इंसेटिंव की परिभाषा में टर्नऑवर में उद्योग के सब्सिडरी उद्योगों के टर्नऑवर को भी शामिल किया है। आरआईपीएस या अन्य उद्यम प्रोत्साहन योजना में निदेशक या उसके परिवार के सदस्य अन्य किसी कम्पनी में भी निदेशक होने पर दूसरी कम्पनी को योजना का लाभ लेने के लिए अधिकृत किया है। इसके अलावा फायर एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण करने के साथ इसकी वैधता दो वर्ष की गई है। औद्योगिक विकास के लिए सिंगल विंडो का सुदृढीकरण करने के साथ 149 सेवाओं को ऑनलाइन जोड़ा गया है।
लॉजिस्टिक पॉलिसी सरकार ने राजस्थान लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 लाने की घोषणा करने के साथ वेयरहाउस को इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाएगा। एक फरवरी 2025 से पूर्व औद्योगिक क्षेत्रों में निर्मित वेयरहाउस को नियमित करने की घोषणा से जिले में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। इसके अलावा राजस्थान में अन्य राज्यों की तरह सर्विस सेक्टर के विकास के लिए ग्लोबल केपेब्लिटी सेंटर पॉलिसी लाने को प्रस्ताव किया है। इससे राज्य में आईटी सेक्टर एवं संबंधित अन्य सेक्टर का विकास होगा।
50 लाख तक की मांग माफ वेट एमनेस्टी योजना के तहत 2017 के समय वेट से मुक्त की गई वस्तुओं पर एमनेस्टी के तहत 50 लाख तक की मांग को माफ कर दिया है। इससे भीलवाड़ा के दो दर्जन से अधिक कपड़ा व्यापारियों को राहत मिली है। 50 लाख से अधिक राशि पर ब्याज एवं पेनल्टी में शत-प्रतिशत की छूट दी गई है। इससे उद्योग एवं व्यापार से जुड़े व्यापारियों को कानूनी प्रक्रिया से राहत मिलेगी।
बजट में यह रखा प्रावधान
- 1792.12 करोड़ का प्रावधान उद्योग विभाग के लिए।
- 300.00 करोड़ का प्रावधान राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम के लिए।
- 426.00 करोड़ का प्रावधान राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना- 2019 के लिए।
- 226.00 करोड़ का प्रावधान निवेश प्रोत्साहन योजना-2022 के लिए।
- 261.26 करोड़ का प्रावधान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के लिए
- 51.77 करोड़ का प्रावधान खान एवं भू-विज्ञान विभाग के लिए