सरकार ने दी छूट खदानों के बाहर राजकीय भूमि में एकत्र ओवरबर्डन से एम-सेंड बनाने पर रॉयल्टी में छूट दी है। वही गैर सरकारी भूमि में पड़ेओवरबर्डन से एम-सेंड सहित अन्य प्रयोजनार्थ उपयोग पर रॉयल्टी में 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया। इस तरह का सुझाव भीलवाड़ा खनिज विभाग की विजिलेंस टीम के अधिकारियों ने दिए थे।
यहां खड़े है ओवरबर्डन के पहाड़ प्रदेश में भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़, अलवर, जयपुर, जोधपुर, बालोतरा, कोटा, बूंदी आदि जिलों में अवैध खनन के चलते मलबे के पहाड़खड़े हो गए है। भीलवाड़ा जिले में सर्वाधिक खनन माण्डलगढ़-बिजौलियां क्षेत्र में होता है। इसके अलावा जिले के अन्य क्षेत्र में भी खदानें हैं। वहां भी अधिकांश में खनन के नियम-कायदे ताक में रखें है। खनिज दोहन के बाद बचे मलबे को इधर-उधर फेंका जा रहा है।
बिजौलियां में सेंड स्टोन के खड़े है पहाड़ जिले के बिजौलिया खनन क्षेत्र में सेंड स्टोन की खदानें है। यहां खदान से निकले पत्थर के टुकड़ों को इधर-उधर फैंक दिया जाता है। इससे कम से कम 500 हेक्टेयर जमीन पर इनके पहाड़खड़े हो गए है। खनिज व्यापारियों ने भी माल निकाला, काम में लिया और वेस्टेज वहीं छोड़ दिया। कुछ इसी तर्ज पर यहां खनन हो रहा है। खनिज विभाग ने भी मालिकों को भूमि पुन: समतल करने के लिए पाबंद नहीं किया। नतीजतन क्षेत्र में जहां पहले पहाड़ थे, वहां गहरी खाइयां और जहां समतल भूमि थी वहां खनन से निकले पत्थरों की अप्राकृतिक पहाडिय़ां बन गईं। लेकिन अब सरकार के इस फैसले से कुछ हद तक पहाड़ कम होंगे।