मंत्री रावत ने दिए थे जांच के आदेश नहर से छेड़छाड़ करने के मामले में जल संसाधन विभाग के मंत्री को शिकायत मिलने पर मंत्री सुरेश सिंह रावत ने 18 जनवरी 2024 को अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव को इस नहर के मामले में जांच के आदेश दिए थे। मंत्री से आदेश मिलने पर जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता उदयपुर ने तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाई। कमेटी में जल संसाधन वृत उदयपुर के अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार जैन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय उदयपुर के सहायक लेखाधिकारी मनोज कुमार दशोरा तथा जल संसाधन विभाग खंड प्रथम भीलवाड़ा के अधिशासी अभियंता नेमीचंद अजमेरा को शामिल किया था।
तीन सदस्यों की कमेटी ने सौपी रिपोर्ट तीन सदस्यों की कमेटी ने पुर रोड स्थित परिवहन कार्यालय के सामने स्थित आंवटित दुकान व भूंखड के पास से निकल रही मेजा नहर के मामले की जांच की। जांच में सामने आया कि नगर विकास न्यास ने एक बड़े भूखंड में से निकल रही नहर की जमीन को भी मुआवजे में आंवटित कर दी। रामप्रसाद लढ़ा नगर के भूखंड संख्या एसईसी-3-1 जिसकी साईज 128 गुना 160 है के एक हिस्से से होकर नहर निकल रही थी। उसे मुआवजे में आवंटित कर दी। इसके अलावा नहर की अन्य जमीन को न्यास ने पहले अपने नाम करवाया फिर मुआवजे में बांट दी। इसकी मार्केट कीमत 15 से 20 करोड़ रुपए थी। वहीं न्यास ने लापरवाही से मेजा की 150 फीट माइनर नहर पर 16 दुकानों का ले आऊट प्लान बनाकर सभी भूखंड बेच दिए थे। जांच कमेटी ने माना कि विभाग के अधिकारियों की सहमति से भूखंड धारक को फायदा पहुंचाया गया। हालांकि अधिशाषी अभियंता छोटूलाल कोली ने अपनी रिपोर्ट में सिंचाई विभाग की नहर खसरा संख्या 7433 पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं होने की बात कहते हुए अनभिज्ञता जाहीर की थी। जांच टीम ने रिपोर्ट में खंडिय अधिकारियों की गंभीर लापरवाही भी मानी। कमेटी ने यह रिपोर्ट 27 मई 2024 को अतिरिक्त मुख्य अभियंता उदयपुर को सौंप दी थी। लेकिन जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। एक साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। किसी को नोटिस तक जारी नहीं किया गया।
दोषी अधिकारी के खिलाफ होगी कार्रवाई नहर से छेड़छाड़ करने या किसी अधिकारी के शामिल होने की बात सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सोजीराम प्रतिहार, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग भीलवाड़ा
जांच रिपोर्ट देखकर करेंगे कार्रवाई भीलवाड़ा की मेजा नहर से छेड़छाड़ करने का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। अगर इसकी कोई जांच रिपोर्ट है तो उसे देखकर कार्रवाई की जाएगी। विरेन्द्र सागर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग उदयपुर