मंत्री का आश्वासन ही अधूरा
उज्जैन में जमीन से जुड़े विवाद नए नहीं हैं। पिछले सत्र में घट्टिया से भाजपा विधायक सतीश मालवीय ने 1.64 हेक्टेयर जमीन की हेराफेरी का मुद्दा उठाया था। आरोप लगाए थे कि उज्जैन में यातायात नगर के लिए आरक्षित कमेड़ में सर्वे नंबर 442 व 449 की जमीन यातायात नगर के लिए आरक्षित थी, जिसे एक प्रभावशाली व्यक्ति को आवंटित कर दी। उसका उपयोग भी अवैध तरीके से बदला गया। तब विधायक ने दस्तावेज लहराए थे जिस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जांच कराने का आश्वासन दिया था जो पूरा नहीं हुआ।विस सत्र के पूर्व सत्ता व संगठन की ओर से भाजपा के विधायकों को नसीहतें दी गई थीं। उनसे कहा गया था कि सरकार को घेरने वाली बातों से बचना है। कई विधायकों ने तो इसका पालन किया लेकिन डॉ. चिंतामणि मालवीय आगे निकल गए जिस पर कांग्रेस को बोलने का मौका मिल गया। डॉ. मालवीय उज्जैन लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं, इसके नाते किसान उनके संपर्क में है।
डॉ. चिंतामणि मालवीय ने कहा, सिंहस्थ तंबू में ही होता आया है, वहीं अच्छा भी लगता है। पर अब सिंहस्थ जमीनों पर प्रयोग हो रहे हैं। इसमें कई अफसर शामिल हो सकते हैं। बता दें, बीते सत्र में विधायक सतीश मालवीय ने जमीनों से जुड़े मामलों में संगीन आरोप लगाए। तब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय उन्हें समझाइश दे रहे थे, जिस पर विधायक ने कहा था कि अफसर आपको भ्रमित कर रहे हैं और वही जवाब आप विधानसभा में दे रहे।