पिछले साल दिसंबर माह में सौरभ शर्मा उस समय चर्चा में आया जब उसके घर व अन्य ठिकानों पर लोकायुक्त ने छापा मारा। उसके ठिकानों से चांदी की सिल्लियां और कई करोड़ नकद मिले। बाद में एक गाड़ी से आयकर विभाग ने भी 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश बरामद किए।
इसके साथ ही परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की काली कमाई उजागर हो गई। छापामारी के 41 दिन बाद लोकायुक्त पुलिस उसे बमुश्किल गिरफ्तार कर सकी। अब केंद्रीय जेल में बंद सौरभ और उसके दोनों राजदारों चेतन गौड़ व शरद जायसवाल से लगातार पूछताछ की जा रही। दो दिन पहले ईडी की दो अधिकारियों की टीम ने भी कई घंटों तक सौरभ शर्मा से पूछताछ की।
बता दें कि ईडी की टीम ने भी तीनों के ठिकाने पर छापे मारकर 1000 पेज से ज्यादा के संदिग्ध दस्तावेजों को बरामद किया था। मामले में तीनों के बयान हो चुके हैं। जेल में सौरभ शर्मा, चेतन और शरद जायसवाल को अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। तीनों पर गहरी नजर रखी जा रही है। इन तीनों के कारण बैरक में रह रहे कुख्यात बंदियों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है।
अरबपति बिल्डर सौरभ शर्मा और उसके दोनों राजदारों को 4 फरवरी को जेल भेज दिया गया था। तभी से ये तीनों यहीं हैं। जेल में पहुंचने के दूसरे दिन यानि 5 फरवरी को सौरभ शर्मा से मिलने उनकी मां उमा शर्मा आईं थीं। वे 7 फरवरी को भी बेटे से मुलाकात करने पहुंची थीं।
जिस बैरक में सौरभ शर्मा को रखा गया है उसमें 29 अन्य कैदी भी हैं। उसे जेल में बना साधारण खाना दिया जाता है। बता दें कि लोकायुक्त कोर्ट के आदेश पर बिल्डर सौरभ शर्मा को 17 फरवरी तक जेल में रखा जाएगा।