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ऑन द स्पॉट बिलिंग सिस्टम में खामियां, कर्मचारी दुखी, उपभोक्ता परेशान

जयपुर डिस्कॉम की ओर से शुरू की गई ऑन द स्पॉट बिलिंग सिस्टम में खामियों का अंबार है। इससे कर्मचारी भी आहत है और उपभोक्ता को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

बूंदीFeb 21, 2025 / 04:39 pm

पंकज जोशी

ऑन द स्पॉट बिलिंग सिस्टम में खामियां, कर्मचारी दुखी, उपभोक्ता परेशान

बूंदी. मशीन में आई तकनीकी खामी को देखाते हुए।

बूंदी. जयपुर डिस्कॉम की ओर से शुरू की गई ऑन द स्पॉट बिलिंग सिस्टम में खामियों का अंबार है। इससे कर्मचारी भी आहत है और उपभोक्ता को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। आनन-फानन में निगम ने यह नया सिस्टम शुरू तो कर दिया, लेकिन समस्या इतनी है कि कर्मचारी भी इससे जूझते हुए नजर आने लगे है। या यू कहें तो उनके लिए यह सिस्टम जी का जंजाल बना हुआ है। उन्होंने इसकी गुुणवत्ता पर सभी सवाल खड़े कर दिए है। साथ ही फर्म पर घटिया उपकरण थमाकर नई व्यवस्था लागू करने की बात कहीं है।
हालांकि डिस्कॉम की स्पॉट बिलिंग व्यवस्था राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन समस्याओं के चलते शुरू की गई ऑन स्पॉट बिलिंग बेपटरी होती दिख रही है। जनवरी के पहले सप्ताह में नए सिस्टम को शुरू किया गया। बिजली निगम के कर्मचारियों को मशीनें दी गई थी, जिसमें वे उपभोक्ताओं के सामने ही मीटर की रीडिंग लेकर बिल बना सकते थे, लेकिन इस व्यवस्था में अब कई समस्याएं सामने आने लगी हैं। जिससे बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहीं नहीं कर्मचारियों पर रीडिंग कार्य समय पर संपादित करने का दबाव है। जिले में बिलिंग लेने वाले 325 कर्मचारियों पर 2 लाख 45 हजार उपभोक्ता है। इधर, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नया सिस्टम है और खामियों के अनुसार तकनीकी सुधार के प्रयास किए जा रहे है।
एक कर्मचारी के जिम्मे 1300 उपभोक्ता
देखने में आया है कि उपभोक्ता के अनुपात में जिले में कर्मचारियों का टोटका है। एक कर्मचारी ने बताया कि नियम के अनुसार एक कर्मचारी पर 800 उपभोक्ता होने चाहिए,लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते 1300-1400 उपभोक्ता का भार है, जिनके घरों में पहुंचकर कर्मचारी बिलिंग संबंधित सहित अन्य कार्य सम्पादित कर रहे है।
नई व्यवस्था बनी परेशानी
नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों ओर उपभोक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि सिस्टम में जुड़े उपकरण सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। एक-एक बिल निकालने पर 20 से 25 मिनट लग रहे है। समस्या होने के बावजूद कर्मचारियों पर समय पर रीडिंग लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
यह आ रही समस्याएं
मोबाइल में साफ्टवेयर की समस्या: कर्मचारियों को ऑन लाइन बिलिंग के संबंध में नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में दोबारा रिस्टार्ट करना पड़ता है, जिसमें काफी समय लग रहा है। मोबाइल दुबारा शुरू करने के दौरान लोडिंगव अपलोडिंग में समस्या उत्पन्न हो रही है, जिसमें काफी समय लग रहा है।
बिल निकालने में लग रहा समय: उपभोक्ता के बिल निकालने में कम्पन्नी द्वारा दिए गए साफ्टवेयर में समय काफी लग रहा है। यूू तों एक बिल निकालने में 10-20 सैकंड लगता है, लेकिन तकनीकी खामी के चलते आधे से एक घंटा भी बैठना पड़ता है, जिससे कर्मचारी को मानसिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
● प्रिंटर मोबाइल से कनेक्टीविटी में परेशानी आती है तथा बैट्री की भी समस्या आती है। एक बार बैट्री फुल होने पर 50 बिल ही निकलते है। उसके बाद फिर दो घंटे चार्ज में लगते है। हर रोज 100 बिल का लक्ष्य है, लेकिन अब 150 से ऊपर मांगने लग गए है।
सॉफ्टवेयर में कमियां: फर्म की ओर से बनाए गए सॉफ्टवेयर में उपभोक्ताओं के बिलों में कई गलतियां है। कम्पनी को पत्र लिखा

एक जनवरी से नया बिलिंग सिस्टम शुरू किया गया है। तकनीकी खामियों को लेकर संबंधित कंपनी के प्रतिनिधियों को दुरूस्त करने के लिए पत्र लिखा है।
के.के.शुक्ला, अधीक्षण अभियंता,बूंदी

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