जानकारी अनुसार क्षेत्र की देईखेड़ा ग्राम पंचायत पर करीब 11 लाख, घाट का बराना में 8.50 लाख, गुहाटा में 9 लाख व लबान पंचायत में 7 लाख रुपए की राशि बकाया चल रही है। योजना से हर घर नल के माध्यम से निशुल्क पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में पंचायतों के पास आय के संसाधन नहीं होने से इस योजना के संचालन लिए पंप चालकों के वेतन व अन्य रख रखाव ही समस्या बना हुआ है। ऐसे में लाखों रुपए के बिजली के बिल का चुकारा करना मुश्किल हो गया है और कई पंचायतों ने हाथ खड़े कर दिए है। ऐसे ग्रामीणों को गर्मी के समय पेयजल की आपूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
राज्य सरकार करे खर्च वहन
सरपंच अध्यक्ष बुद्धि प्रकाश मीणा, खरायता सरपंच बदरी लाल मीणा, माखिदा सरपंच रमेश चन्द्र पालीवाल, गुहाटा सरपंच सुनील मीणा ने बताया कि योजना के संचालन में खर्च अधिक है और नि:शुल्क जल आपूर्ति से आय भी नहीं है। ऐसे राज्य सरकार को ही योजना का संचालन करना चाहिए। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा जा चुका है।
जनता जल योजना में बिलों को बकाया राशि को जमा करवाने के लिए कई अवगत करवा दिया गया है। मार्च के अंत तक बिल जमा नहीं होने पर कलेक्शन काटने के सबंध में नोटिस जारी किए गए है।
श्रीलाल जाटव, सहायक अभियंता, विद्युत निगम खण्ड लाखेरी
पंचायतों में जनता जल योजना के बिजली बिलों की राशि जमा करवाने के लिए राशि नहीं है। जैसे ही इस मद में राज्य सरकार से बजट मिलता है, राशि जमा करवा दी जाएगी। निगम को जनहित को देखते हुए कनेक्शन नहीं काटने के लिए लिखा जाएगा।
भानु प्रताप सिंह, विकास अधिकारी, पंचायत समिति केशवरायपाटन