अपना घरौंदा बनाने का सपना पूरा करने के लिए लोगों ने इधर-उधर से उधारी में पैसों का जुगाड़ कर नगरपालिका में राशि जमा कराई। पट्टा जारी होते ही अपने भूखंडों पर कब्जा लेकर घरोंदों के निर्माण कराना चाहते है, लेकिन पट्टे जारी करने के एक साल बाद भी नगरपालिका प्रशासन भूखण्ड उपलब्ध नहीं करा पाया। कागजों में तो यह सभी भूखण्डधारी बना दिया, लेकिन किसी को भी अभी तक भूखंडों पर कब्जा नहीं मिल पाया।
नगरपालिका प्रशासन ने आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग व अल्प आय वर्ग के आवासहीन पात्रों के लिए रियायती दर पर आवास निर्माण के लिए डॉ हेडगेवार आवासीय योजना में लॉटरी से भूखण्ड देने के लिए 29 मई 2023 से 7 जुलाई 2023 के बीच आवेदन भरवाए थे। 5 जुलाई 2023 को लॉटरी निकालकर दोनों वर्गों के 51 लोगों के भूखण्ड आवंटित किए थे। रियायती दर की पूरी राशि जमा कराने के बाद नगरपालिका ने जून 2024 में पट्टे जारी किए थे।
पट्टाधारियों की पीड़ा
तब से ही भूखण्ड धारी भूखंडों पर कब्जा दिलाने के लिए नगरपालिका कार्यालय के चक्कर काट रहे है, लेकिन नगरपालिका में कोई सुनने वाला ही नहीं है। भूखण्ड धारियों ने बताया कि आर्थिक स्थित कमजोर होने से लॉटरी में निकले भूखंडों के पट्टे बनाने के लिए इधर-उधर से उधारी में पैसों का जुगाड़कर नगरपालिका में राशि जमा कराने के बाद पट्टे देकर हमे कागजों में तो पट्टाधारी बना दिया। जबकि पट्टों वाले भूखंडों की लोकेशन नही बताई जा रही।
पुनर्सीमांकन के बाद ही भुगतान
नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी मोतीशंकर नागर का कहना है कि नक्शा नवीस को बुलाकर भूखंडों का पुनर्सीमांकन करवाकर आवंटियों को कब्जा संभलाया जाएगा। नक्शा नवीस को अभी भुगतान नहीं किया है। पुनर्सीमांकन के बाद ही भुगतान किया जाएगा।