किसे मिलेगा उपचार
सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य जिले के प्रत्येक व्यक्ति को फाइलेरिया की दवा का सेवन कराना है। विशेष रूप से 2 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों, किशोरों, वयस्कों, प्रौढ़ों और बुजुर्गों को यह दवा दी जाएगी। यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगों से पीडि़त व्यक्तियों को यह दवा नहीं दी जाएगी।
फाइलेरिया क्या है और क्यों जरूरी है इलाज
फाइलेरिया एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है, जो मच्छरों द्वारा फैलती है। यह रोग लिम्फेटिक फाइलेरिया के रूप में सामने आता है, जिसमें शरीर के अंगों का आकार असामान्य रूप से बढ़ जाता है, खासकर पैरों का। इस रोग का मुख्य कारण मादा क्यूलेक्स फैटीगंस मच्छर है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है, तो वह संक्रमित हो जाता है और स्वस्थ व्यक्ति को काटने पर यह विषाणु उसे संक्रमित कर देते हैं। फाइलेरिया के लक्षण आमतौर पर लंबे समय तक नजऱ नहीं आते और बीमारी का पता बहुत बाद में चलता है। इस रोग का कोई इलाज नहीं है, इसलिए इससे बचाव ही इसका समाधान है।
क्यों छोड़ेंगे तीन ब्लॉक?
इस वर्ष, छतरपुर जिले के तीन ब्लॉकों – लवकुशनगर, छतरपुर और बकस्वाहा को इस अभियान से बाहर रखा गया है। इन ब्लॉकों में फाइलेरिया के मामलों की संख्या बहुत कम है, जिस कारण इस बार वहां अभियान नहीं चलाया जाएगा। इस अभियान में जिले के 6650 दवा सेवक और 665 सुपरवाइजरों को नियुक्त किया गया है, जो घर-घर जाकर दवा वितरित करेंगे। इस अभियान में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय भूमिका होगी, और मलेरिया विभाग के द्वारा इस दौरान लगातार निगरानी रखी जाएगी।
फाइलेरिया से बचाव के उपाय
फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए घर के आसपास सफाई रखें, पानी जमा न होने दें, कीटनाशक का छिडक़ाव करें, और सोते वक्त शरीर के खुले हिस्सों पर सरखें या नीम का तेल लगाएं। इसके अलावा, मच्छरदानी का प्रयोग भी फाइलेरिया से बचाव के लिए प्रभावी उपाय है।
जिले में 681 सक्रिय मरीज
अभी जिले में फाइलेरिया के 681 सक्रिय मरीज हैं, जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। इस अभियान के तहत इन मरीजों के लिए उपचार और उनके परिवारों के लिए जागरूकता फैलाना भी प्रमुख उद्देश्य है। फाइलेरिया एक गंभीर समस्या है, लेकिन अगर समय पर इसे रोका जाए, तो इस पर काबू पाया जा सकता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए दवाइयों का सेवन करने के लिए प्रेरित करना है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे इस अभियान में बढ़-चढकऱ हिस्सा लें और बिना डर के दवा का सेवन करें ताकि इस गंभीर बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।