सरपंच से राजनैतिक सफर शुरु करनेवाले मारोतराव खवसे तीन बार विधायक के साथ ही एक बार जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी रहे। खवसे ने अपने जीवन की शुरुआत शिक्षक के रूप में की थी। 1975 के दौर में शहर में संचालित दीनानाथ महाविद्यालय में कुछ समय बतौर शिक्षक नौकरी की।
राजनीति में रुचि रहने के कारण उन्होंने भारतीय जनसंघ की सदस्यता ली। इसके बाद ग्राम पारडी के सरपंच के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत की। पारडी के वे तीन बार सरपंच रहे। इसके बाद विधायक बनने का सपना लेकर भाजपा से दावेदारी की, लेकिन लाभचंद छागानी को टिकट मिलने पर उन्होंने सन 1984 में निर्दलीय के रूप में हाजी इनायत अली के विरुद्ध चुनाव लड़कर अपनी काबिलियत का परचम लहराया और पहली बार विधायक बने।
व्यक्तिगत क्षति : सांसद
सांसद बंटी विवेक साहू ने खवसे के निधन पर दु:ख व्यक्त कर कहा कि भाजपा के संघर्ष के समय के साथी एवं हमारे मार्गदर्शक खवसे का निधन उनके एवं भाजपा के लिए बहुत बड़ी क्षति है। सांसद उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पांढुर्ना भी पहुंचे हैं। इसके चलते पांच फरवरी के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं।
विद्यालय में अंतिम दर्शन
विद्या प्रसार शिक्षण समिति के अध्यक्ष मारोतराव खवसे का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह 8:30 बजे से पारडी रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इसके बाद अंतिम यात्रा दोपहर 2.30 बजे ग्राम पारडी से निकाली। इस दिन विद्यालय में अवकाश घोषित किया गया है।