रोहित शर्मा ने अपनी मानसिक मजबूती पर भरोसा जताया और रविवार को 90 गेंदों में 119 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 7 छक्के शामिल थे। इस पारी की बदौलत भारत ने लगातार दूसरी जीत दर्ज कर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली।
हाल ही में रोहित न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके थे। इसके बाद नागपुर में खेले गए पहले वनडे में भी वह सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गए थे। इस कारण उनकी काफी आलोचना हो रही थी।
लेकिन रोहित ने इस पारी से अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, “अगर कोई खिलाड़ी सालों तक खेलता आया है और ढेरों रन बनाए हैं, तो इसका मतलब कुछ तो है।” उन्होंने कहा कि बाहर की बातें उन्हें प्रभावित नहीं करतीं और कुछ खराब पारियां उनके आत्मविश्वास को नहीं डिगा सकतीं। रोहित ने कहा, “मैं लंबे समय से क्रिकेट खेल रहा हूं और जानता हूं कि मुझसे क्या अपेक्षा की जाती है। मुझे बस मैदान पर जाकर वही करना होता है, जो मैं हमेशा करता आया हूं। मैं अपने खेल को अच्छे से समझता हूं और जानता हूं कि एक-दो खराब पारियां मेरी सोच नहीं बदल सकतीं। यह मेरे लिए एक आम दिन की तरह था।”
भारतीय कप्तान ने यह भी बताया कि वह हर मैच में पूरी कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा काम सिर्फ मैदान पर जाकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना है। वही सबसे महत्वपूर्ण है। मैं जब भी बल्लेबाजी करने उतरता हूं, तो मेरी कोशिश हमेशा अच्छा करने की होती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि खराब फॉर्म के दौरान स्पष्ट सोच रखना बहुत जरूरी होता है। हालांकि, यह आसान नहीं होता। “कई बार चीजें आपके पक्ष में होती हैं, कई बार नहीं। लेकिन जब तक आपको पता है कि आपको क्या करना है, बाकी बातें मायने नहीं रखतीं। जब आपने इतने रन बनाए होते हैं, तो आपको बस उसी मानसिकता में लौटने की जरूरत होती है। सुनने में यह आसान लगता है, लेकिन वास्तव में यह मुश्किल होता है। मेरे लिए सबसे जरूरी चीज खेल का आनंद लेना है। आखिरकार, हम क्रिकेट इसी मजे के लिए तो खेलते हैं।”