हालांकि भारत के खिताबी जीत में सिर्फ त्रिशा ही नहीं बल्कि अन्य खिलाड़ियों ने भी योगदान दिया, जिसकी बदौलत इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया अनडिफिटेबल रही। टीम इंडिया ने इस टूर्नामेंट में कोई मैच नहीं गंवाया। यही नहीं भारत को हराना तो दूर इस प्रतियोगिता में उन्हें कोई टक्कर भी नहीं दे पाया। गोंगड़ी त्रिशा, कमिलिनी, सानिका चालके, वैष्णवी शर्मा, आयुषी शुक्ला और पारुनिका सिसौदिया ने इस टूर्नामेंट में ऐसा धमाल मचाया कि टीम इंडिया को हराना हर दूसरी टीम के लिए नामुमकिन साबित हुआ और भारत एक बार फिर विश्व चैंपियन बन गया।
किसने दिखाया कितना दम!
गोंगड़ी त्रिशा ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 7 मैचों की 7 पारियों में 77 की औसत से 309 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 45 चौके और 5 छक्के लगाए। यही नहीं उन्होंने गेंदबाजी के दौरान भी कमाल किया और 7 मैच में 6.44 की औसत से 7 विकेट भी हासिल किए। कमिलिनी ने 35 की औसत से 143 रन बनाए और कई महत्पूर्ण मैचों में भारत के जीत की कहानी लिखी। सानिका चालके ने भले ही सिर्फ 95 रन बनाए लेकिन उनके ये रन तब आए, जब भारत को जरूरत थी।
गेंदबाजी में वैष्णवी ने मचाया धमाल
वैष्णवी शर्मा ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट अपने नाम किए। वैष्णवी ने 6 मैचों में 4.35 की औसत से 17 विकेट हासिल किए। इस दौरान उन्होंने एक बार 5 विकेट हाल भी पूरा किया। वैष्णवी शर्मा को आयुषी शुक्ला और पारुनिका सिसौदिया से गेंदबाजी लाइनअप में बेहतरीन साथ मिला। आयुषी शुक्ला ने 7 मैचों में 5.71 की औसत से 14 विकेट चटकाए तो पारुनिका सिसौदिया ने 6 मैचों में 10 विकेट लिए।