युवाओं में बढ़ते नशे पर पाबंदी लगाने, शादी विवाह विच्छेद करने वाले परिवार को सामाजिक रूप से दंडित करने, लड़की देखने के लिए लड़के वाले अपने बेटे को साथ लेकर तीसरी जगह पर जाने, जन्मदिन मनाने और लड़की की गोद भराई रस्म पर पूरी तरह रोक लगाने, लग्न टीका में सीमित लोग, शादियां दिन में करने, टीका प्रथा बंद, दहेज प्रथा का प्रदर्शन नहीं करने, बारात दिन में आने व दिन में ही विदाई का कार्यक्रम, आतिशबाजी, डीजे बजाना बंद, शादी कार्ड सोशल मीडिया और डाक से भिजवाने, भाई दूज, अश्लील वीडियो व रील बनाने पर पूर्णतया पाबंदी, जामना प्रथा के आयोजन पर अधिकतम तीन बेस देने, कार्यक्रमों में भोजन का समय दोपहर से शाम तक ही रखने सहित अन्य फैसलों को युवाओं की कमेटी बनाकर धरातल पर कठोरता से आगामी 1 मार्च से लागू करने पर और मूर्त रूप देने को सहमति जताई।
इस दौरान मन्नू राम मीना, गब्दू,चेतराम मीना,भगवान सहाय, रामोतार, रामसहाय, जगमोहन पटेल, जवान सिंह, भरत अंगावली, लोकेश भेजड़ा,मनीराम ठेकेदार खेड़ी ,कानू, मुरारी लाल घूमना ,ओमप्रकाश सिकराय सहित अन्य ने विचार व्यक्त किए। महापंचायत को लेकर सिकंदरा थाना का जाप्ता तैनात रहा।
एक मार्च से ठेकड़ा महापंचायत के फैसले सख्ती से होंगे लागू
इधर, मंडावर क्षेत्र के नौरंगपुरा गांव में कैमला मंदिर पर रविवार को काडूराम मीना पटेल ऊकरूंद की अध्यक्षता में मीणा समाज की महापंचायत हुई। इसमें ऊकरूंद निवासी रामजल पटेल को सचिव मनोनीत किया। ठेकड़ा में 5 फरवरी को हुई महापंचायत के 14 निर्णयों को सभी गांवों में एक मार्च से लागू करने पर विचार-विमर्श किया गया। जटवाड़ा, नांगल मीणा, ऊकरूंद, नौरंगपुरा सहित आस-पास के सभी गांवों ने नियमों पर सहमति दी। 23 को महापंचायत
वहीं, लालसोट में आदिवासी मीणा सेवा संघ की बैठक रविवार को जिला उपाध्यक्ष सूरतपुरा सरपंच कांजीलाल मीना की अध्यक्षता में हुई। इसमें 23 फरवरी को बगड़ी गांव के बस स्टैण्ड पर महापंचायत आयोजन का निर्णय किया।
महुवा में लिए गए निर्णयों की पालना कराए जाने को लेकर चर्चा की जाएगी। बैठक में तहसील अध्यक्ष हीरालाल बगड़ी, महामंत्री रामजीलाल कांकरिया, कमलेश बिनोरी, ब्रजमोहन नगरियावास, घूमसिंह कांकरिया, किशनलाल एडवोकेट खेड़ली, एसटी प्रकोष्ठ अध्यक्ष जगदीश सोनंदा आदि ने विचार व्यक्त किए।