जानकारी के मुताबिक, मोंगरा निवासी प्रीतम चंद्राकर का शव यात्रा पहले निकाला गया। इसके बाद मयंक ध्रुव का शव यात्रा निकाला गया। 15 से 20 मिनट के अंतराल में गाँव से 2 बच्चों का शव यात्रा देख लोगों की आंखों से आँसू छलक गए। प्रीतम चंद्राकर भाइयों में सबसे छोटा था। कक्षा 9 वी के बाद पढ़ाई छोड़ दिया था।
वहीं मृतक मयंक ध्रुव पिता चंद्रिका ध्रुव भी कक्षा 9 वी का छात्र था। घर के 4 सदस्यों में मयंक ध्रुव सबसे छोटा था। चर्रा निवासी हुनेंद्र साहू भी कक्षा 9 वी का छात्र था। हुनेंद्र 2 भाइयों में छोटा भाई था। रायपुर के एक निजी स्कूल में पढ़ाई करता था। कुछ दिनों के लिए धमतरी आया था। वहीं घायल अर्जुन यादव बानगर गांव का रहने वाला है।
हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसकी हालत खतरे से बाहर है।
तीनों शव का हुआ अंतिम संस्कार
यातायात DSP मोनिका मरावी ने बताया कि सूचना के बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई थी। भीड़ को रोड से हटाया गया और घायल को एम्बुलेंस से इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। तीनों शव का गुरुवार को पोस्टमॉर्टम किया गया।
पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजन अपने साथ ले गए और रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव में एक साथ तीनों नाबालिगों की अर्थियां निकली। इसे देख छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं रो पड़े।