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Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा ये शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त और महात्म्य

Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर विधिपूर्वक पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

भारतFeb 24, 2025 / 04:46 pm

Sachin Kumar

Falgun Amavasya 2025

फाल्गुन अमावस्या पर शुभ योग

Falgun Amavasya 2025: हिंदू धर्म में फाल्गुन मास की अमावस्या का विशेष महत्व है। यह शुभ तिथि पितरों की आत्मशांति, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ मानी जाती है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु और मां पार्वती को समर्पित है। इस शुभ दिन पर विशेष योग का निर्माण हो रहा है। जिससे इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इस दिन के शुभ मुहूर्त, महात्म्य और पूजा विधि के बारे में।

फाल्गुन मास की अमावस्या पर शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर योगों का संयोग बन रहा है। जो शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ और लाभकारी माने जाते हैं। इसबार फाल्गुन अमावस्या के दिन सिद्ध और शिव योग का निर्माण हो रहा है। जिसकी वजह से इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि शिव योग में पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही उनको मोक्ष की प्राप्त होती है। इन योग में स्नान, दान और पूजा-अर्चना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

फाल्गुन मास की अमावस्या पूजा का शुभ समय

फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि 27 फरवरी 2025 दिन गुरुवार पड़ रही है। इसकी शुरुआत 08 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन अगले दिन 28 फरवरी को शुक्रवार को होगा। अमावस्या की पूजा गुरुवार 27 फरवरी को होगी।

फाल्गुन अमावस्या का महात्म्य

फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान-पुण्य, पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पूजा-विधि

ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें। यदि संभव न हो, तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के पश्चात पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करें। भगवान विष्णु और शिव की विधिपूर्वक पूजा करें, उन्हें पुष्प, धूप, दीप आदि अर्पित करें। आवश्यकतानुसार वस्त्र, अन्न, धन आदि का दान करें।

अमावस्या पर करें ये शुभ काम

सूर्योदय से पूर्व गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। पीपल के वृक्ष की पूजा करें और तिल के तेल का दीपक जलाएं। पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करें। भगवान विष्णु, शिव और मां लक्ष्मी की पूजा करें। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।

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डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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