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महाशिवरात्रि पर एक शताब्दी बाद सूर्य शनि ने बनाया दुर्लभ योग, शिवजी संग 3 ग्रहों की पूजा से मिलेगी उन्नति, बढ़ता है पराक्रम और प्रतिष्ठा

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि शिवजी की प्रिय तिथियों में से एक है, इस दिन भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न रहते हैं। लेकिन महाशिवरात्रि 2025 पर एक शताब्दी बाद ऐसा दुर्लभ ग्रह नक्षत्र संयोग बन रहा है, जिससे छोटी सी ही साधना भगवान का आशीर्वाद दिला सकती है। आइये जानते हैं कौन सा दुर्लभ संयोग बन रहा है।

भारतFeb 25, 2025 / 06:38 am

Pravin Pandey

Mahashivratri 2025 Hindi

Mahashivratri 2025 Hindi: महाशिवरात्रि 2025 शुभ योग

Mahashivratri 2025 Hindi: भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे। इन तीनों ग्रहों की युति और महाशिवरात्रि का योग 2025 से पहले 1965 में बना था। मान्यता है कि महाशिवरात्रि 2025 पर ग्रहों के दुर्लभ योग में शिव पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं।

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डॉ. अनीष व्यास के अनुसार इस साल शिवरात्रि 2025 पर शिव जी के साथ ही सूर्य, बुध और शनि ग्रह की भी विशेष पूजा करने का शुभ योग है। इस योग में की गई पूजा-पाठ से कुंडली से जुड़े ग्रह दोष भी शांत हो सकते हैं।


सूर्य शनि बना रहे विशिष्ट योग

ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार सूर्य और शनि पिता-पुत्र हैं और महाशिवरात्रि 2025 पर सूर्य शनि की राशि कुंभ में रहेंगे, साथ ही अन्य ग्रह और नक्षत्र इस प्रकार के योग में विद्यमान रहेंगे। यह एक विशिष्ट संयोग है, जो लगभग एक शताब्दी में एक बार बनता है।

मान्यता है कि इस प्रबल योग में की गई साधना आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति प्रदान करती है। वहीं सूर्य बुध केंद्र त्रिकोण योग भी बना रहे हैं, पराक्रम और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए सूर्य-बुध के केंद्र त्रिकोण योग का बड़ा लाभ मिलता है। इस योग में विशेष प्रकार से साधना और उपासना की जानी चाहिए।
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ये नक्षत्र भी बना रहे महाशिवरात्रि को खास

ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार महाशिवरात्रि पर ग्रहों के दुर्लभ संयोग के साथ धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण और मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति भी है। इस कारण यह तिथि और भी खास हो गई है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की साधना से शिव की कृपा प्राप्त होगी। शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से उनके भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी।

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