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धौलपुर

दर्जा पीएमश्री का पर अध्यापक केवल उन्नीस

कभी सर्वाधिक प्रतिष्टित माने जाने वाले इस विद्यालय में वर्षों से प्रिंसीपल, वाइस प्रिंसीपल जैसे पद भी रिक्त हैं। इसके साथ ही प्राध्यापकों के 15 स्वीकृत पदों में से 8 रिक्त हैं जिनमे रसायन विज्ञान, सन्स्कृत, हिंदी भाषा, हिंदी सामान्य, अर्थशास्त्र, व्यावसायिक प्रबंध, लेखाशास्त्र, अंग्रेजी लिटरेचर जैसे महत्वपूर्ण पद भी रिक्त हैं। वरिष्ठ अध्यापकों के 5 पदों में से भी 4 पद खाली हैं जिनमे संस्कृत, सामाजिक ज्ञान एवं स्पेशल एजुकेशन के दो पद शामिल हैं। लेवल दो के 3 पदों में से भी दो रिक्त हैं और लेवल एक के 17 पदों में से भी 6 पद रिक्त हैं।

धौलपुरFeb 10, 2025 / 06:59 pm

Naresh

दर्जा पीएमश्री का पर अध्यापक केवल उन्नीस Status of PMShri but teacher only nineteen
-अस्तित्व को संघर्ष करता राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजाखेड़ा

-41 प्राध्यापकों के पद स्वीकृत, प्रिंसीपल तक का भद रिक्त

-वाणिज्य संकाय में प्राध्यापकों के अभाव में नहीं आ रहे विद्यार्थी

मनीष उपाध्याय
dholpur, राजाखेड़ा.अनेकों राष्ट्रीय व राज्यस्तर की प्रतिभाएं तराशने वाला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजाखेड़ा आज पीएमश्री योजना में चयन के बाद भी प्राध्यापकों के अभाव में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। हालांकि 7 वर्ष पूर्व तक विद्यालयों के एकीकरण और स्टाफिंग पैटर्न के चलते यहां अध्यापक पर्याप्त संख्या में थे, जिससे यहां नामांकन भी काफी था। लेकिन सरकारें बदली ओर राजनीतिक लाभ के लिए बड़ी संख्या में विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत कर दिया गया। जिसके बाद बड़ी संख्या में अध्यापक अपने स्थानांतरण करवा कर चले गए। जिसके बाद यहां अव्यवस्थाओं का एक बुरा दौर आरम्भ ही गया। 2022-23 में विद्यालय का चयन पीएमश्री योजना में होने के बाद भारी बजट तो मिला पर नहीं मिले तो शिक्षक।
वर्तमान में विद्यालय में 420 के लगभग नामांकन हैं और विज्ञान एकला, वाणिज्य, के साथ कृषि संकाय उपलब्ध है, लेकिन वाणिज्य संकाय में कोई भी प्राध्यापक उपलब्ध नहीं होने से क्षेत्र के अधिकांश छात्रों को मजबूरन यहां से छोडकऱ निजी विद्यालयों में जाना पड़ रहा है। विज्ञान और कला में भी प्राध्यापकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। जिससे इन संकायों के छात्र छत्राओं के समक्ष भी बड़ा संकट खड़ा हुआ है, लेकिन परिवार के आर्थिक हालातों के चलते यहां रुकने को मजबूर हैं।
प्रिंसीपल से प्राध्यापक तक अधिकांश पद रिक्त

कभी सर्वाधिक प्रतिष्टित माने जाने वाले इस विद्यालय में वर्षों से प्रिंसीपल, वाइस प्रिंसीपल जैसे पद भी रिक्त हैं। इसके साथ ही प्राध्यापकों के 15 स्वीकृत पदों में से 8 रिक्त हैं जिनमे रसायन विज्ञान, सन्स्कृत, हिंदी भाषा, हिंदी सामान्य, अर्थशास्त्र, व्यावसायिक प्रबंध, लेखाशास्त्र, अंग्रेजी लिटरेचर जैसे महत्वपूर्ण पद भी रिक्त हैं। वरिष्ठ अध्यापकों के 5 पदों में से भी 4 पद खाली हैं जिनमे संस्कृत, सामाजिक ज्ञान एवं स्पेशल एजुकेशन के दो पद शामिल हैं। लेवल दो के 3 पदों में से भी दो रिक्त हैं और लेवल एक के 17 पदों में से भी 6 पद रिक्त हैं।
सुविधाएं अपार पर उपभोग कैसे हो

विद्यालय में पीएम श्री में चयन के बाद स्मार्ट क्लास है पर उपयोग करने वाले अध्यापक नहीं हैं। खेल मैदान व खेल के समस्त साधन मौजूद हैं पर पीटीआई नहीं है, पब्लिक लाइब्रेरी है, कंप्यूटर है, कंप्यूटर लैब है, आधुनिक विज्ञान लेब है बस है तो अध्यापकों की कमी।
छात्राएं भी नामांकित पर सपने अधूरे

बलिका विद्यालय में केवल कला संकाय होने के कारण अन्य संकायों में बालिकाएं भी प्रवेश लेने के लिये बड़ी संख्या में आती है, लेकिन यहां के हालात देखकर मजबूरन बस प्रवेश ही ले पाती हैं। पर सपनों को पूरा नहीं कर पाती। वर्तमान में भी कक्षा 9 से 12 तक छात्राओं का नामांकन 42 है।
यूसीईयो व्यवस्था ने बढ़ाई मुश्किलें

शहरी क्षेत्र में यूसीईओ विद्यालय होने के कारण हालात कोढ़ में खाज के होते जा रहे हैं। इसके अधीन 7 शहरी क्षेत्र के विद्यालय हैं जिनमें महात्मा गांधी विद्यालय अम्बरपुर, महात्मा गांधी विद्यालय गोपीनाथ, प्राथमिक विद्यालय नयागांव, प्रथमिक विद्यालय वार्ड 8, प्राथमिक विद्यालय भूतेश्वर हैं जो पूर्णत: शिक्षक विहीन हैं। ऐसे में इनके संचालन के लिए भी शिक्षकों की तैनाती गाहे बगाहे यहां के अध्यापकों के करने से हालात और भी बिगड़ जाते हंै। साथ ही इन सभी विद्यालयों की कागजी खनापूर्ती और मोनिटरिंग भी इसी विद्यालय के अधीन होने से व्यवस्था यहां की भी बधित हो गई है।
सब सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद भी बेहतरीन कार्य न कर पाने का दर्द बना रहता है। नि:संदेह सरकार की थोड़ी सी मदद भी पुन: गरिमामय परिणाम देने में मदद करेगी। वास्तविक हालात से सभी अधिकारी परिचित हैं अब तो सारा डेटा शाला दर्पण के एक क्लिक पर मौजूद है। पर समस्त निर्णय उच्चाधिकारियों द्वारा लिए जाने हैं। निदेशक को हालातों से बाकिफ कराते हुए मेल भेजा हैं
लक्ष्मी शर्मा, कार्यवाहक प्रधानाचार्य

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