वाइस एडमिरल प्रमोद बाड़ी रोड स्थित राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में 1980 से 1986 के बीच पढ़े और यहां से 12वीं पास की। वह विद्यालय के उदयभान हाउस के छात्र थे। केरल के त्रिशूर निवासी मेजर जरनल प्रमोद के पिता उस वक्त ग्वालियर में कार्यरत थे। यहां मिलिट्री स्कूल में उनका रोल नम्बर 902 रहा था। मिलिट्री स्कूल के पुराने छात्र को टीवी और समाचार पत्रों में देख विद्यालय का प्रशासन और छात्र गदगद थे।
कई मेडल से हो चुके सम्मानित वाइस एडमिरल प्रमोद की पत्नी अंबिली प्रमोद हैं और उनके दो बच्चे बेटी चित्रांजलि और बेटा सिद्धांत है। वे अति विशिष्ट सेवा मेडल, सामान्य सेवा मेडल, ऑपरेशन विजय मेडल, ऑपरेशन पराक्रम मेडल, सैन्य सेवा मेडल, 75वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ मेडल, 50वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ मेडल समेत अन्य से सम्मानित हो चुके हैं।
संचार व इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के विशेषज्ञ हैं प्रमोद बता दें कि वाइस एडमिरल प्रमोद एवीएसएम भारतीय नौसेना में सेवारत फ्लैग ऑफिसर हैं। वे वर्तमान में महानिदेशक नौसेना संचालन के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वे महाराष्ट्र नौसेना क्षेत्र के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग और भारतीय नौसेना अकादमी के डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर के पद पर कार्यरत थे। उन्हें 1 जुलाई 1990 को भारतीय नौसेना में कमीशन मिला था। वे संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने नौसेना एविएटर के रूप में प्रशिक्षण लिया और नौसेना वायु संचालन अधिकारी के रूप में योग्यता प्राप्त की।