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Women Health Problems : स्त्री रोग विशेषज्ञ से जानिए महिलाओं की गुप्त स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान

Infertility or Hormonal Imbalance : तेज़ रफ्तार जीवनशैली में महिलाएं अक्सर अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा कर देती हैं। इन्हीं विषयों पर हमने गहन स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका रहरिया से बातचीत की, जो सैटेलाइट अस्पताल, जयपुर में कार्यरत हैं। उनके अनुभव के आधार पर पेश हैं महिलाओं के 11 ज़रूरी स्वास्थ्य सवालों के जवाब – हर महिला के लिए यह जानकारी बेहद उपयोगी है।

भारतApr 11, 2025 / 02:26 pm

Manoj Kumar

Infertility or Hormonal Imbalance

Infertility or Hormonal Imbalance

Women Health Problems : जयपुर की सैटेलाइट अस्पताल में कार्यरत जूनियर स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियंका रहरिया, जो गहन स्त्री रोग में 15 वर्षों से अधिक अनुभव रखती हैं, उन्होंने महिलाओं की कई जटिल स्वास्थ्य समस्याओं पर अपनी राय साझा की। उनके अनुसार, समय पर निदान और उपचार महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

लगातार पेल्विक दर्द और पाइल्स – कहीं ये एंडोमेट्रियोसिस तो नहीं? – रोहिणी वर्मा

    पेल्विक दर्द अगर लगातार बना हुआ है और सामान्य उपचार से आराम नहीं मिल रहा है, तो यह एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें गर्भाशय की परत की तरह ऊतक गर्भाशय के बाहर उग आता है। पाइल्स की समस्या अगर साथ में है, तो दोनों की जांच अलग-अलग करनी जरूरी है। अल्ट्रासाउंड और पेल्विक स्कैन से स्थिति स्पष्ट हो सकती है।

    हार्मोनल गड़बड़ी और अनियमित पीरियड्स – पीसीओएस हो सकता है – खेमा चौधरी

      आपके बताए लक्षण – अनियमित मासिक धर्म, मुंहासे, बाल झड़ना और मोटापा – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के क्लासिक संकेत हैं। यह एक हार्मोनल असंतुलन की स्थिति है जो अंडाशय को प्रभावित करती है। नियमित व्यायाम, सही आहार और आवश्यकता पड़ने पर दवाओं के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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      एक साल से गर्भधारण में कठिनाई – जांच कराना जरूरी – शर्मिला ठाकुर

        यदि आप एक वर्ष से अधिक समय से प्रयास कर रही हैं और गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो यह इनफर्टिलिटी की श्रेणी में आता है। इसके कई कारण हो सकते हैं – ट्यूबल ब्लॉकेज, पीसीओएस, थायरॉयड असंतुलन, या पुरूष साथी से जुड़ी समस्याएं। दोनों भागीदारों की जाँच कराना आवश्यक है। उपचार IVF से लेकर IUI तक हो सकता है।
        हेलाे डॉक्टर: महिलाओं की बीमारियाें से जुड़े सवालाें के जवाब दिए डॉ.प्रियंका रहरिया ने


        अत्यधिक मासिक रक्तस्राव और दर्द – हो सकता है फाइब्रॉइड या एंडोमेट्रियोसिस – गरिमा मुखर्जी

          मासिक धर्म के दौरान भारी ब्लीडिंग, थक्के और असहनीय दर्द यूटेराइन फाइब्रॉइड्स या एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकते हैं। एक ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड या एमआरआई से इस स्थिति की पुष्टि हो सकती है। आवश्यकतानुसार दवाओं या सर्जिकल उपचार की जरूरत हो सकती है।

          गर्भावस्था में सूजन और हाई ब्लड प्रेशर – प्रीक्लेम्पसिया के लक्षण – कामिनी दत्ता

            गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक सूजन, उच्च रक्तचाप और पेशाब संबंधी समस्याएं प्रीक्लेम्पसिया की ओर इशारा करती हैं, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। नियमित जांच, रक्तचाप की निगरानी और चिकित्सकीय देखरेख अत्यंत आवश्यक है।

            रजोनिवृत्ति के बाद समस्याएं – सामान्य लेकिन नजरअंदाज न करें – प्रेरणा खन्ना

              रजोनिवृत्ति के बाद वजन बढ़ना, नींद में गड़बड़ी और मूड स्विंग्स आम हैं, लेकिन यदि ये अधिक हो रहे हैं तो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) या प्राकृतिक सपोर्ट विकल्पों से राहत मिल सकती है। एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

              अनियमित रक्तस्राव और जलन – संक्रमण या फाइब्रॉइड का खतरा – काम्या राठौड़

                अनियमित ब्लीडिंग के साथ पेशाब में जलन होना यूटीआई, सर्वाइकल इंफेक्शन या फाइब्रॉइड का लक्षण हो सकता है। एक पीएपी स्मीयर टेस्ट और यूरिन कल्चर जरूरी हो सकते हैं। सही दवा और देखभाल से राहत मिल सकती है।

                बार-बार गर्भपात – इम्यून या हॉर्मोनल कारणों की जांच आवश्यक – सविता वशिष्ठ

                  लगातार मिसकैरेज होना रीकरंट प्रेग्नेंसी लॉस कहलाता है और इसके पीछे हॉर्मोनल असंतुलन, यूटेराइन असामान्यता या इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी हो सकती है। थायरोइड, एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम जैसी जांचें आवश्यक हैं।
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                  पुराने पेल्विक दर्द और सर्विक्स इंफेक्शन – लापरवाही न करें – साक्षी माथुर

                    अगर आपको लंबे समय से पेल्विक और पीठ दर्द के साथ सर्विक्स में संक्रमण बना हुआ है, तो यह क्रोनिक सर्विसाइटिस या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) का मामला हो सकता है। समय पर इलाज न किया गया तो यह बांझपन जैसी जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है।

                    क्या मैं 36 की उम्र में सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन लगवा सकती हूं? – एक दर्शक

                      हाँ, सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन 45 वर्ष तक की उम्र में भी दी जा सकती है, खासतौर पर यदि आपने अब तक इसे नहीं लगवाया है। वैक्सीन एचपीवी वायरस से सुरक्षा देती है, जो सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण होता है। डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

                      बार-बार वाइट डिस्चार्ज और जलन – गहन जांच की आवश्यकता – एक दर्शक

                        अगर लगातार सफेद पानी की समस्या है और इसके साथ जलन, सूजन और पेशाब की परेशानी हो रही है, तो यह फंगल, बैक्टीरियल या ट्रिकोमोनास संक्रमण हो सकता है। योनि की जांच, पीएच टेस्ट और कल्चर रिपोर्ट से सही कारण पता चल सकता है।
                        महिलाओं को अपनी छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नियमित जांच, समय पर इलाज और खुलकर बात करना स्त्री स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है। डॉ. प्रियंका रहरिया के अनुसार, “हर महिला की समस्या अलग होती है, इसलिए उसका इलाज भी व्यक्तिगत और विशेषज्ञ परामर्श पर आधारित होना चाहिए।”

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