सरकार ने 32 अनधिकृत कट किए बंद
विधानसभा में मंत्री मंजू बाघमार ने बताया कि भांकरोटा हादसे के बाद जांच में यह सामने आया कि सड़क पर 33 अनधिकृत कट थे, जिनमें से 32 को बंद कर दिया गया है। दूदू के आगे एक कट अभी भी बंद किया जाना बाकी है। NHAI के एक अधिकारी का तबादला किया गया है, ताकि इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो। मंत्री ने माना कि भांकरोटा हादसे का प्रमुख कारण तो दोनों ड्राइवरों की लापरवाही रही थी। फिर भी अन्य कोई सेफगार्ड लगाते तो इस दुर्घटना को टाला जा सकता था। इसमें अगर ट्रैफिक सिग्नल लगा होता, रोड मार्किंग लगी होती और हाईवे स्क्रीन लाइट लगी होती तो इस दुर्घटना को रोका जा सकता था।
बीजेपी विधायक ने ही उठाए सवाल
भाजपा विधायक गुरवीर सिंह ने सरकार के जवाब पर असंतोष जताते हुए सवाल किया कि क्या केवल एक अधिकारी का तबादला करने से समस्या हल हो जाएगी? उन्होंने कहा कि पूरे देश ने भांकरोटा हादसे का मंजर देखा, 22 लोग जलकर मर गए। सरकार ने जवाब में संभावित कारण दिए हैं। उनमें लिखा है दोनों ड्राइवर की लापरवाही से हादसा हुआ और कट सावधानी से नहीं लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इतने भीड़भाड़ वाले हाईवे पर आपने मार्केशन नहीं किया और सारी लापरवाही केवल ड्राइवर पर छोड़ दी गई। किसी संबंधित अफसर पर कार्रवाई नहीं की गई। सारे अफसरों को क्लीन चिट किस आधार पर दे दी।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का हमला
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि भांकरोटा हादसे में 50 लोगों की जान चली गई, लेकिन किसी को दोषी नहीं माना गया। उन्होंने सवाल किया कि सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट कब आई और उसमें क्या निष्कर्ष निकले? उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि 33 में से 32 कट बंद कर दिए गए, लेकिन भांकरोटा हादसे के दो महीने बाद भी एक कट बंद नहीं किया गया। इससे सरकार की मॉनिटरिंग पर सवाल उठते हैं। दरअसल, मंत्री मंजू बाघमार ने सदन में आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, विपक्ष सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखा और भांकरोटा अग्निकांड की गहन जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।