लेकिन इस मरीज के लिए यह चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि वह न तो सुन सकता था और न ही बोल सकता था। डॉक्टर्स ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से मरीज से संवाद किया और ऑपरेशन के दौरान उसकी मोटर फंक्शन (हाथ-पैरों की ताकत) की जांच की। सी के बिरला हॉस्पिटल के डॉ. दीपक नंदवाना ने बताया कि इस जटिल सर्जरी के लिए कॉन्शियस सेडेशन तकनीक अपनाई गई। जिससे मरीज को बेहोश किए बिना दर्द नियंत्रित किया गया। स्कैल्प ब्लॉक तकनीक से सर्जरी के दौरान दर्द को मैनेज किया गया और मरीज का रक्तचाप, हृदय गति व ऑक्सीजन स्तर स्थिर बनाए रखा गया। आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के बाद मरीज को खाने-पीने में समय लगता है, लेकिन इस मरीज को ऑपरेशन के तुरंत बाद पानी पीने की अनुमति दी गई।