दरअसल, राजस्थान में भाजपा ने एक बार फिर से मदन राठौड़ को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। सात महीनों के भीतर यह दूसरा मौका है जब उन्हें पार्टी की कमान दी गई है। शुक्रवार को हुए चुनाव में उनके खिलाफ किसी भी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा, जिससे उनका प्रदेशाध्यक्ष बनना पहले से तय माना जा रहा था।
ये 25 नेता बने राष्ट्रीय परिषद के सदस्य
प्रदेशाध्यक्ष के साथ ही प्रदेश से 25 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों का भी निर्वाचन किया गया, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया में शामिल होंगे। इनमें शामिल प्रमुख नाम इस प्रकार हैं- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, डिप्टी सीएम दीया कुमारी, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, सतीश पूनिया, सीपी जोशी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम प्रमुख है। वहीं, अन्य प्रमुख नेताओं में ओंकार सिंह लखावत, नारायण लाल पंचारिया, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, अलका गुर्जर, प्रभुलाल सैनी, अनीता भदेल, रमेश यादव, जसवंत सिंह गुर्जर, कनकमल कटारा, रामकिशोर मीणा, अजय पाल सिंह, निर्मल कुमावत, प्रसनजीत मेहता, प्रताप लाल, ओमप्रकाश शामिल हैं।
संविधान की धारा-19 के तहत होता है चुनाव
बता दें कि भाजपा में अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी के संविधान की धारा-19 के तहत की जाती है। धारा-19 के मुताबिक पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इम मंडल में राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं। पार्टी के संविधान के अनुसार यह चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमों के तहत के किया जाता है। पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के लिए यह आवश्यक है कि प्रतिनिधि कम से कम 15 सालों तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो।