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जयपुर

प्रदेश में रिचार्ज से 150 प्रतिशत ज्यादा पहुंचा भू-जल दोहन, अब सभी 11 हजार पंचायतों में रिचार्ज बढ़ाने पर

प्रदेश की जमीन में जितना पानी रिचार्ज हो रहा है, उससे 150 फीसदी ज्यादा दोहन किया जा रहा है। इस आंकड़े ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है और अब सभी पंचायतों को अटल भू-जल योजना से जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। प्रदेश में 11 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं और इस योजना से 17 जिलों की केवल 1132 पंचायतें ही जुड़ी हुई हैं। यहां कम पानी में ज्यादा फसल लेने के लिए फार्म तालाब, एनीकट, वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए गए हैं। भूजल विभाग के अफसरों का दावा है कि इससे कुछ जगह भू-जल गिरावट में कुछ कमी आई है।

जयपुरFeb 11, 2025 / 05:53 pm

GAURAV JAIN

-राज्य सरकार ने केन्द्र को भेजा प्रस्ताव, सभी पंचायतों को अटल भू-जल योजना से जोड़ने का आग्रह

-अभी 17 जिलों की 1132 पंचायतें ही जुड़ी

-प्रस्ताव स्वीकृत हुआ तो लागत की 20 प्रतिशत राशि इंसेंटिव के रूप में मिलेगी
जयपुर. प्रदेश की जमीन में जितना पानी रिचार्ज हो रहा है, उससे 150 फीसदी ज्यादा दोहन किया जा रहा है। इस आंकड़े ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है और अब सभी पंचायतों को अटल भू-जल योजना से जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। प्रदेश में 11 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं और इस योजना से 17 जिलों की केवल 1132 पंचायतें ही जुड़ी हुई हैं। यहां कम पानी में ज्यादा फसल लेने के लिए फार्म तालाब, एनीकट, वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए गए हैं। भूजल विभाग के अफसरों का दावा है कि इससे कुछ जगह भू-जल गिरावट में कुछ कमी आई है। इस प्रोजेक्ट पर पर जो पैसा खर्च होगा, उसमें से केन्द्र सरकार करीब 20 प्रतिशत इंसेंटिव के रूप में देगी। इसी कारण भू-जल मंत्री ने केन्द्र सरकार से प्रदेश की सभी पंचायतों को जोड़ने का आग्रह किया है।
इन जिलाें की 1132 ग्राम पंचायतों को जोड़ा

अजमेर, अलवर, बारां, चितौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, करौली, कोटा, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, झुंझुनूं, भीलवाडा़ व हनुमानगढ़।

केवल 4 जिले सुरक्षित श्रेणी में
भू-जल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार केवल चार जिले ही सुरक्षित श्रेणी में है। इनमें बांसवाडा़, डूंगरपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़ शामिल है। यहां रिचार्ज की तुलना में 30 से 60 प्रतिशत तक दोहन कम है।
परेशान करने वाली स्थिति

राज्य की 295 पंचायत समितियों, 7 शहरी क्षेत्र सहित 302 इकाइयों का आकलन किया गया। इसमें से 214 अतिदोहित, 27 संवेदनशील, 21 अर्द्धसंवेदनशील, 37 सुरक्षित और तीन लवणीय श्रेणी में है।
हमारी यह जिम्मेदारी

1. रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाएं : बिल्डिंग बायलाॅज में तो 225 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के भूखंडों पर यह लागू है, लेकिन 50 वर्गगज भूखंड में भी यह बनाया जा सकता है।
2. स्टॉर्म वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम मजबूत होगा : सड़क पर बहने वाले बारिश के पानी को सहेजने का बड़ा स्रोत है।जहां बने हैं वे बंद हैं या फिर ब्लॉक। इनका संचालन जरूरी।

3. कैच दर रेन में हो शामिल : पार्कों को इस तरह डवलप करें, ताकि बारिश के पानी से भू-जल स्तर बढ़ाया जा सके। कॉलोनियों में भू-जल स्तर बढ़ेगा।

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