अगर किसी विद्यार्थी का आइडिया पसंद आया तो उसे दो महीने के लिए बिट्स में नि: शुल्क ठहराया जाएगा। साथ ही उसे उपकरण आदि मुहैया करवाकर उसे मॉडल बनाने में मदद की जाती है। लैब टीम खुद के खर्च पर विद्यार्थी के प्रोजेक्ट को कम्पनी के रूप में रजिस्ट्रर करवाने में मदद करती है।
आइडिया पसंद तो मिलेगी आर्थिक मदद
कोई विद्यार्थीं नया या अलग आइडिया लेकर आता है तो लैब के विशेषज्ञ उसका परीक्षण करते हैं। संचालक हरिश मुलचंदानी व प्रशिक्षक भोगेन्द्र सिंह ने बताया कि आइडिया पंसद आने पर लैब में विद्यार्थीं को सुविधाएं, माहौल और आर्थिक सहायता भी दी जाती है। जिससे वह अपने आइडिया को मूर्तरूप दे सके। अब तक तीन विद्यार्थियों के आइडिया चुने गए हैं।
अब तक 250 ले चुके प्रशिक्षण
बिट्स पिलानी में यह लैब करीब डेढ माह पूर्व शुरू की गई थी। अब तक इसमें राजस्थान और हरियाणा के आठ स्कूलों के 250 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। लैब के माध्यम से 15 सौ विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने की योजना है। प्रशिक्षण के लिए स्कूलों को बिट्स के स्तर पर ही बुलाया जाता है। हालांकि इच्छुक स्कूल प्रबंधन भी प्रोजेक्ट मैनेजर से सम्पर्क पर सकता है।