राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आज एक दिवसीय दौरे पर जोधपुर पहुंचे। वे यहां राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 17 वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। सीएम सुबह जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे, जहां पाली सांसद पीपी चौधरी, भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल समेत अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका अभिनंदन किया। इसके बाद वे सीधे राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हुए।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता व संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल मौजूद थे। अध्यक्षता राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं कुलपति न्यायमूर्ति एमएम श्रीवास्तव ने की। समारोह के दौरान कुल 181 उपाधियां दी गईं। इनमें स्नातक के 118, स्नात्कोत्तर के 45, एमबीए के 11 व 9 शोधार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। इस दौरान विश्वविद्यालय के 25 विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए।
सीएम ने छात्रों को किया प्रेरित
दीक्षांत समारोह में सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि कानून के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है और वे समाज में न्याय और समानता की स्थापना में योगदान दें। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने ज्ञान का उपयोग समाज और देश की सेवा के लिए करें। बता दें कि इससे पहले फरवरी माह के शुरुआती सप्ताह में भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जोधपुर गए थे। यहां उन्होंने कलक्टर गौरव अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह से शहर में चल रहे विकास कार्य के साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में फीडबैक लिया था।
इससे पहले एयरपोर्ट पर राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, नगर निगम दक्षिण की महापौर वनिता सेठ, पाली संसद पीपी चौधरी, बिलाड़ा विधायक अर्जुन लाल गर्ग, विधायक सूरसागर देवेंद्र जोशी, विधायक ओसियां भैराराम सियोल, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़, राजेंद्र पालीवाल, त्रिभुवन सिंह भाटी, संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह, जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल, पुलिस आयुक्त राजेंद्र सिंह, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पंकज सहित जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगणों ने मुख्यमंत्री की आगवानी की। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल भी मौजूद थे।
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गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर आए थे। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि विपक्ष अपनी बात रखेगा, आलोचना भी करेगा, लेकिन सरकार को सुनने की क्षमता रखनी चाहिए। सरकार का कर्तव्य भी है कि वह विपक्ष की बात सुने। गहलोत ने कहा था कि भाजपा सरकार ने निकम्मापन दिखाया है। कोई काम किया नहीं। सिर्फ ध्यान भटकाने का काम किया है।