उप महानिरीक्षक (एसीबी चतुर्थ) अनिल कयाल ने बताया कि जैसलमेर में एक परिवादी की शिकायत के आधार पर सत्यापन के बाद ट्रैप कार्रवाई की गई। जोधपुर में रहने वाली भणियाणा तहसीलदार सुमित्रा चौधरी ने परिवादी को रिश्वत देने के लिए पंचायत के सरकारी क्वार्टर बुलाया, जहां पहुंचते ही परिवादी ने तहसीलदार सुमित्रा को 15 लाख रुपए दिए। तभी ब्यूरो ने सरकारी क्वार्टर में दबिश दी। आरोपी तहसीलदार दरवाजा अंदर से बंद कर पिछले रास्ते से भागने का प्रयास करने लगी, लेकिन एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्रसिंह राठौड़ के नेतृत्व में टीम ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। उसके कब्जे से रिश्वत के 15 लाख रुपए जब्त किए गए। इस राशि में से पांच लाख रुपए उसने फतेहगढ़ तहसीलदार शिवप्रसाद शर्मा की खातिर लिए थे। ब्यूरो ने मोबाइल पर महिला तहसीलदार की शिवप्रसाद से बात करवाई। रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई।
ब्यूरो के डीआइजी हरेन्द्र कुमार महावर के निर्देश पर एसीबी जोधपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चक्रवर्ती सिंह राठौड़ व टीम ने फतेहगढ़ में दबिश देकर तहसीलदार शिवप्रसाद शर्मा को हिरासत में लिया। जिसे भणियाणा ले जाकर जयपुर एसीबी को सौंपा गया। पूछताछ के बाद ब्यूरो ने जोधपुर निवासी भणियाणा तहसीलदार सुमित्रा चौधरी व बीकानेर निवासी फतेहगढ़ तहसीलदार शिवप्रसाद शर्मा को गिरफ्तार किया। शिवप्रसाद शर्मा नायब तहसीलदार है और उनके पास फतेहगढ़ तहसीलदार का अतिरिक्त कार्यभार है। दोनों आरोपियों को मंगलवार को जोधपुर की एसीबी मामलात की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
60 लाख रुपए मांगी थी रिश्वत, 15 में 10 लाख महिला के
एएसपी पुष्पेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि निजी कम्पनी की भणियाणा और फतेहगढ़ में दो जमीन है, जहां सोलर प्लांट लगाया जाना है। इन जमीनों की सोलर कम्पनी में रजिस्ट्री, नामांतरण खोलने व पैमाइश करवाने के लिए तहसीलदार सुमित्रा ने 60 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। 13 फरवरी को परिवादी ने एसीबी से शिकायत की थी। दूसरे दिन सुमित्रा से गापेनीय सत्यापन कराया गया तो रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। 10 लाख रुपए खुद के लिए और पांच लाख रुपए फतेहगढ़ तहसीलदार को दिए जाने थे।