शहर की बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर विपक्ष को सवाल खड़े करने चाहिए लेकिन विपक्ष शांति से बैठा हुआ है। सत्ता पक्ष के जिम्मेदारों ने पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में तमाम सवाल खड़े किए लेकिन उनकी बात को अधिकारियों ने अनसुना कर दिया। खबर है कि ट्रैफिक इंचार्ज से ज्यादा तो सूबेदार की शिकायत सामने आ रही हैं। यहां तक कि कई मामलों में तो सूबेदार, इंचार्ज पर भारी पड़ रहे हैं, लेकिन इंचार्ज कुछ भी निर्णय नहीं ले पाते।
कथन
- जिलाध्यक्ष ट्रैफिक व्यवस्था बनाने कह रहे थे। चर्चा चल रही थी, तभी बीच मे कुछ लोग बोलने लगे तो हमने भी जवाब दे दिए, बस इतना सा था। बहस वाली कोई बात नहीं हैं।
संतोष भदौरिया, इंचार्ज, ट्रैफिक थाना - मैंने कहा कि जब आप मेरे से ही बदत्तमीजी से बात कर रहे हो तो आम आदमी से किस तरह का व्यवहार करते होगे। मैंने तो मंच से ही कहा था उस समय एसपी भी मौजूद थे, शहर में रूट तय करें, लोगों से अच्छा व्यवहार करें। एक बार समझाइश देकर मौका दो, उसके बाद कार्रवाई करो।
कमलेश कुशवाह, जिलाध्यक्ष, भाजपा