scriptपीएचई विभाग व ठेकेदार की सांठगांठ: अनुबंध की लागत 1.36 करोड़ और खर्च कर दिए 1.71 करोड़ | Patrika News
मोरेना

पीएचई विभाग व ठेकेदार की सांठगांठ: अनुबंध की लागत 1.36 करोड़ और खर्च कर दिए 1.71 करोड़

– कागजों में 100 प्रतिशत काम पूरा, गांव में टंकी तो बनी लेकिन शुरू नहीं हो सकी पेयजल सप्लाई
– ग्राम पंचायत ठाटीपुरा में नल जल योजना का काम अधूरा, फिर भी विभाग ने कर दिया ठेकेदार को पूरा भुगतान
– पीएचई विभाग के अधिकारी व ठेकेदार ने मिलकर शासन को लगाया करोड़ों का चूना, ग्रामीण इधर- उधर से कर रहे हैं पानी की व्यवस्था

मोरेनाFeb 06, 2025 / 11:54 am

Ashok Sharma

मुरैना. शासन व प्रशासन जल जीवन मिशन योजना के तहत सुदूर बसे गांवों में पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ होने का दावा तो करता है लेकिन वहां की हकीकत से अफसर कोसों दूर है। यही कारण हैं कि कैलारस जनपद पंचायत की ठाटीपुरा ग्राम पंचायत में अनुबंध से अधिक राशि खर्च करके 100 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है लेकिन हकीकत यह है चार साल बाद भी ग्रामीण पानी को परेशान हैं।
पीएचई विभाग द्वारा 5000 की आबादी वाली ग्राम पंचायत ठाटी पुरा में 26 दिसंबर 2020 को मैं. प्रजाबंधु को नल जल योजना का कार्य करने का अनुबंध किया था। अनुबंध में 1 करोड़ 36 लाख 64 हजार में कार्य पूरा करने का तय हुआ था, योजना के नाम पर टंकी बनी है, कुछ हिस्से में पाइप भी बिछाए गए लेकिन पानी की सप्लाई आज तक नहीं हो सकी। इस योजना पर अनुबंध से अधिक राशि 1 करोड़ 71 लाख 87 हजार रुपए खर्च किए जा चुके हैं। यह राशि ठेकेदार को मिली या अधिकारियों ने बंदरवांट कर लिया, जांच का विषय है। ग्रामीणों के अनुसार गांव में पाइप लाइन तो बिछाई गई लेकिन बाद में करीब ढाई हजार मीटर तक की पाइप लाइन चोरी हो गई। ग्रामीण व सरपंच का कहना हैं कि ठेकेदार स्वयं पाइप खींचकर ले गया और ठेकेदार का कहना हैं कि पाइप चोरी हो गए लेकिन रिपोर्ट आज तक नहीं लिखाई गई है। वर्तमान में स्थिति यह है कि ठाटीपुरा पंचायत की आबादी पांच हजार है लेकिन पंचायत के मूल गांव में एक हजार के करीब आबादी है लेकिन एक भी जलस्रोत नहीं हैं दो हैडपंप पानी दे रहे हैं, वह भी रुक रुककर। ग्रामीण खेतों पर स्थित ट्यूवबैल के कुओं से पीने का पानी लाने को मजबूर हैं। ठेकेदार प्रजाबंधु को कई बार मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
  • पानी की सप्लाई शुरू होने से पूर्व क्षतिग्रस्त हुई टंकी, पाइप लाइन गायब
    पीएचई ने नल जल योजना के तहत चार साल पूर्व ठाटीपुरा में टंकी का निर्माण करवाया और पाइप लाइन भी डाली गई लेकिन एक दिन भी पानी की सप्लाई नहीं हो सकी, उससे पूर्व टंकी क्षतिग्रस्त होने लगी और पाइप लाइन गायब हो गई। टंकी के निर्माण के लिए स्थल का गलत चयन किया गया, वह ऊंचाई पर होने से पानी वहां नहीं पहुंच सका और इस टंकी को भरने के लिए बोर सफल नहीं हो सके इसलिए एक दिन भी टंकी में पानी नहीं भर सका है।
  • गर्मी में टैंकरों से होती है पानी की सप्लाई
    गर्मी के मौसम में ठाटीपुरा में पानी की सप्लाई के लिए टैंकरों का सहारा लेना पड़ता है। पंचायत सचिव सुल्तान सिंह गुर्जर का कहना हैं कि गर्मी में टैंकरों से पानी की सप्लाई करनी पड़ती है तब ग्रामीणों को राहत मिलती है। हर साल अधिकारियों को अवगत कराया जाता है लेकिन न तो पेयजल श्रोत की व्यवस्था की गई और न संबंधितों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।
    क्या कहते हैं ग्रामीण
  • चार साल बाद भी गांव की नल जल योजना शुरू नहीं हो पाई है। हार के कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। गर्मी में तो और ज्यादा हालात खराब हो जाते हैं।
    संजय जाटव, ग्रामीण
  • चार साल पूर्व गांव में टंकी बनी थी, पाइप लाइन भी डाली गई थी लेकिन बाद में ठेकेदार पाइप लाइन खींचकर ले गया। गांव के लोग पानी के लिए बेहद परेशान हैं।
    बालिस्टर, ग्रामीण
    सरपंच बोले: एक दिन भी नहीं मिला पानी
    ग्राम पंचायत ठाटीपुरा के सरपंच ब्रजेश जाटव का कहना है कि गांव में चार साल पूर्व नल जल योजना के तहत टंकी बनाई थी, उससे पाइप लाइन भी जोड़ी गई लेकिन बोर फेल होने पर उसमें पानी नहीं भर सका। बाद में पाइप लाइन ही गायब हो गई। ग्रामीण हार के कुओं से पानी लेकर आ रहे हैं।
    सहायक यंत्री वी आर यादव से सीधी बातचीत
    पत्रिका: ठाटीपुरा पंचायत में चार साल पूर्व टंकी बन चुकी है फिर गांव वालों को पानी क्यों नहीं मिल पा रहा है।
    ए ई: ठाटीपुरा में नल जल योजना का कार्य हुआ तो है, पानी की सप्लाई क्यों नहीं हो सकी, पता करवा लेते हैं।
    पत्रिका: कागजों में कार्य 100 पूरा किया जा चुका है, जबकि पंचायत में काम अधूरा पड़ा है।
    ए ई: कागजों में देखकर ही बात पाएंगे, अभी फील्ड में हैं।
    पत्रिका: ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, जिन्होंने कार्य पूरा दिखाकर राशि निकाल ली है।
    ए ई: विभाग ने कुछ ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की है, मैं. प्रजाबंधु ने अगर वहां काम नहीं किया है, इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

Hindi News / Morena / पीएचई विभाग व ठेकेदार की सांठगांठ: अनुबंध की लागत 1.36 करोड़ और खर्च कर दिए 1.71 करोड़

ट्रेंडिंग वीडियो