scriptHeart Attack: रेलवे कर्मचारी की ऑन ड्यूटी और बेटी होने के बाद ससुराल लौट रही महिला की मौत, कार्डियक अरेस्ट के शिकार होने लगे 25 से 40 वर्ष के लोग | Cardiac Arrest In Men And Women Between 25-40 Year Old Died While Railway Duty And Pregnant Women Of Nagaur By Silent Attack | Patrika News
नागौर

Heart Attack: रेलवे कर्मचारी की ऑन ड्यूटी और बेटी होने के बाद ससुराल लौट रही महिला की मौत, कार्डियक अरेस्ट के शिकार होने लगे 25 से 40 वर्ष के लोग

Rajasthan;’s Heart Attack Cases: हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार पारीक का कहना है कि लोग ज्यादा तनाव ज्यादा लेने लगे हैं। बॉडी को फीट रखने की मंशा से लोग जिम जाते हैं। वहां बॉडी साथ न दे तो भी जबरदस्ती एक्सरसाइज करते हैं, जो गलत है।

नागौरFeb 25, 2025 / 02:12 pm

Akshita Deora

Silent Heart Attack Cases Increased: दिल की बीमारी अब उम्र नहीं देखती है। बदली जीवनशैली और बढ़ते तनाव ने लोगों का दिल कमजोर कर दिया है। दिल के दौरे का संबंध अब न उम्र के साथ जुड़ा रह गया और न ही वजन के साथ।
क्षेत्र के गांवों में हाल ही हुए कार्डियक अरेस्ट के मामले इसी ओर इशारा करते हैं। कुछ वर्षों पहले गांवों में मुश्किल से दो- चार लोग दिल के मरीज मिलते थे । वर्तमान में हर दूसरे, तीसरे घर में मरीज मिल जाएंगे। गांवों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में दिल की बीमारी के मामले अधिक आ रहे हैं।
हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार पारीक का कहना है कि लोग ज्यादा तनाव ज्यादा लेने लगे हैं। बॉडी को फीट रखने की मंशा से लोग जिम जाते हैं। वहां बॉडी साथ न दे तो भी जबरदस्ती एक्सरसाइज करते हैं, जो गलत है। लोग खुद लक्षण समझ नहीं पाते हैं। बॉडी अलार्म करती है, लेकिन ध्यान नहीं देते। डॉ. पारीक बताते है कि अटैक व कार्डियक अरेस्ट में अंतर है। कार्डियक अरेस्ट में धकड़न रूक जाती है। उसमें मरीज को बचाना मुश्किल होता है। जबकि अटैक में मरीज को तुरंत इलाज मिलने पर बचाया जा सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि कार्डियक अरेस्ट किसी सामान्य इंसान को भी हो सकता। कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थी भी इसके शिकार होने लगे हैं। कोरोना के बाद 50 साल से अधिक उम्र वालों ने अपनी जीवनशैली बदली है। वे अब प्रकृति के नजदीक जाने लगे हैं। खानपान भी बदला है। सेहत के प्रति जागरूक हो रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में मेड़ता उपखंड के हरसोलाव, बासनी सेजा सहित कुछ गांवों में आधा दर्जन ऐसे मामले सामने आए हैं।

केस 1

ग्राम शिव में कुछ दिन पहले 27 वर्षीय श्रुति कंवर बच्ची होने पर पीहर से सीख लेकर ससुराल आई थी। घर में प्रवेश करने से पहले ही मंदिर के पास साइलेंट अटैक से उसकी मौत हो गई।

केस 2

कस्बे की 37 वर्षीय सुप्यार कंवर घर में कपड़े समेट रही थी। अचानक साइलेंट अटैक आने पर उनकी मौत हो गई। बहुत कम उम्र में निधन होने पर परिजनों का बुरा हाल है।

केस 3

रेलव में कार्यरत रोल चांदावता के रामनिवास (35) रविवार को ड्युटी पर थे। अचानक अटैक आने से नीचे गिर गए। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

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केस 4

कस्बे के 40 वर्षीय मुन्नालाल उपाध्याय एक दिन पहले सूरत से घर आए। रात को साइलेंट अटैक आया। मेड़ता अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

ये रखें सतर्कता

युवा हो या बुजुर्ग अपना स्ट्रेस घटाएं।

नियमित रूप से घूमे और जीवन शैली में बदलाव करें।

मोबाइल का इस्तेमाल कम करें।

रात को पूरी नींद लें। पौष्टिक खाना खाएं।
खुद को प्रकृति के नजदीक रखें।

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