दरअसल 2016 में एसएएफ भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया। इस भर्ती परीक्षा में खलक सिंह कुशवाह ने भाग लिया, लेकिन भर्ती के वक्त आपराधिक मामले की जानकारी भरी। उसके ऊपर दहेज प्रताडऩा व धारा 304 में प्रकरण दर्ज था। उसका चयन 25 वीं बटालियन भोपाल में चयन हुआ, लेकिन आपराधिक मामला दर्ज होने के चलते नियुक्ति नहीं दी। इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राघवेंद्र दीक्षित ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता 2013 में दोषमुक्त हो चुके हैं। उसके बाद से कोई अपराध नहीं किया। अपराध में याचिकाकर्ता का कोई सीधी भूमिका नहीं थी। फिर से नियुक्ति नहीं दी। शासन की ओर से विरोध करते हुए कहा कि पुलिस अनुशासित बल है। इसमें आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए नियुक्ति पर फिर से विचार करने का आदेश दिया है।
मुरार नदी जीर्णोद्धार में ठेकेदार को पक्षकार बनाने का आदेश, निगम से मांगा पूरा प्लान
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने मुरार नदी को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए ठेकेदार को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है और नगर निगम ेसे जीर्णोद्धार की कार्ययोजना की जानकारी मांगी है। याचिका की सुनवाई 4 अगस्त को होगी। दरअसल दिनेश कुमार शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया है कि मुरार नदी अतिक्रमण की चपेट में है। इसमें सीवर का पानी आ रहा है, जिसकी वजह से नदी गंदी है। नदी से अतिक्रमण हटाया जाए और सीवर के पानी को रोका जाए। नगर निगम की ओर से बताया कि जलशक्ति मंत्रालय ने नदी का सौंदर्यीकरण करा रहा है। इस कार्य का ठेका मैसर्स एमएसडी इन्फ्रा (इंडिया) को दिया गया है। कोर्ट ने नगर निगम को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।