न्यायाधीश एलेक्जान्द्रे डी मोरेइस ने आदेश में कहा कि बोल्सोनारो ने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के जरिए ब्राजील की न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप की कोशिश की, जो देश की संप्रभुता पर हमला है। अमरीकी राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह 1 अगस्त से ब्राजील से आयातित सामान पर 50% टैरिफ लगाएंगे। उन्होंने अपने पत्र की शुरुआत बोल्सोनारो मुकदमे की आलोचना से की थी। एक ओर कोर्ट को आशंका है कि बोल्सोनारो देश छोड़ सकते हैं इसलिए ‘एंकल टैग’ लगाने के साथ उन्हें रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक और सप्ताहांत में घर में ही रहने का निर्देश दिया गया है, वहीं बोल्सोनारो ने कहा कि कोर्ट का सख्त आदेश ट्रंप की ट्रायल को लेकर की गई आलोचना की प्रतिक्रिया है।
बोल्सोनारो के खिलाफ अदालती कार्रवाई के जवाब में वाशिंगटन ने जज मोरेइस और उनके सहयोगियों (नामों का उल्लेख नहीं) के वीजा रद्द कर दिए हैं। अमरीकी विदेश सचिव मार्को रूबियो ने बोल्सोनारो पर कार्रवाई को ‘राजनीतिक प्रताड़ना’ करार दिया। वहीं राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने हाल ही राष्ट्र के नाम एक टीवी संबोधन में ट्रंप के 50% टैरिफ को ‘अस्वीकार्य ब्लैकमेलिंग’ और इसका समर्थन करने वाले राजनेताओं को ‘राष्ट्रद्रोही’ करार दिया। लूला ने कहा, ‘ब्राजील की न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप की कोशिश राष्ट्रीय संप्रभुता पर एक गंभीर हमला है।’
बोल्सोनारो ने खुद को निर्दोष बताया और अदालती कार्रवाई को ‘सर्वोच्च अपमान’ कहा। वहीं विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप की रणनीति उलटी पड़ती दिख रही है और लूला सरकार को जनसमर्थन मिल रहा है।