Opinion : परीक्षा एक अवसर है बोझ नहीं
परीक्षा की तैयारी में कई बाधाएं आती हैं, जिनमें प्रमुख है ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई। परीक्षा के दिनों में छात्रों को एक ही टॉपिक पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। जब वे एक टॉपिक को पढ़ते हैं, तो अचानक उनका ध्यान किसी अन्य टॉपिक की ओर चला जाता है और वे यह सोचकर ही घबरा जाते हैं कि उस टॉपिक के विषय में तो उन्होंने पढ़ा ही नहीं।
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बलदेव राज भारतीय, यमुनानगर बसंत ऋतु का आगमन न केवल प्रकृति में नवजीवन लाता है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का समय भी साथ लाता है। यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि पूरे वर्ष की मेहनत का मूल्यांकन वार्षिक परीक्षा में ही होता है। ऐसे में बहुत से छात्र इस समय दबाव महसूस करने लगते हैं और तनावग्रस्त हो जाते हैं। उनका ध्यान भटकने लगता है और वे यह तय नहीं कर पाते कि किस विषय को प्राथमिकता दें और किसे बाद में पढ़ें। ऐसे में सही रणनीति और एकाग्रता के साथ अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। परीक्षा की तैयारी में कई बाधाएं आती हैं, जिनमें प्रमुख है ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई। परीक्षा के दिनों में छात्रों को एक ही टॉपिक पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। जब वे एक टॉपिक को पढ़ते हैं, तो अचानक उनका ध्यान किसी अन्य टॉपिक की ओर चला जाता है और वे यह सोचकर ही घबरा जाते हैं कि उस टॉपिक के विषय में तो उन्होंने पढ़ा ही नहीं। उसकी तो उन्होंने तैयारी की ही नहीं। छात्रों को यह भी समझ नहीं आता कि परीक्षा के लिए कौन-से टॉपिक अधिक महत्वपूर्ण हैं। वे पूरे सिलेबस को कवर करने का प्रयास करते हैं, जिससे पढ़ाई का दबाव बढ़ जाता है।
छात्रों में एक बड़ी कमी यह पाई जाती है कि वे अध्ययन के लिए समय सारणी नहीं बनाते। यदि बना भी लें तो उसका अनुपालन सही ढंग से नहीं किया जाता। सही समय पर सही ढंग से अध्ययन न करने के कारण परीक्षा नजदीक आने पर छात्रों को घबराहट होती है। अगर उन्होंने पहले से समय का सही विभाजन नहीं किया होता, तो उन्हें सब कुछ जल्दी-जल्दी याद करने की कोशिश करनी पड़ती है। अगर विद्यार्थी को लगता है कि उसकी तैयारी पूरी नहीं हुई है या वह अन्य छात्रों से पीछे है, तो वह निराश हो जाता है। यह नकारात्मक सोच उसके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। यह उसके मन मस्तिष्क में विचलन पैदा करती है। जिससे वह सही ढंग से विषयों की तैयारी करने में बाधित होता है।
परीक्षा की प्रभावी तैयारी के लिए छात्रों को कुशल रणनीति बनानी चाहिए। जिसके लिए उन्हें सबसे पहले एक सुव्यवस्थित योजना बनानी चाहिए, ताकि वे अपनी पढ़ाई को सही तरीके से पूरा कर सकें। सर्वप्रथम उन्हें विषयों की सूची बनानी चाहिए और उसे अध्यायवार विभाजित करना चाहिए। कठिन टॉपिक्स को पहले पढ़ें और आसान टॉपिक्स को बाद में। प्रत्येक टॉपिक के लिए एक समय सीमा तय करें। दोहराने के लिए अलग से समय निर्धारित करें। हर विषय के महत्वपूर्ण टॉपिक को चिन्हित करें और पहले उन्हें पूरा करें। परीक्षा में अक्सर उन्हीं टॉपिक्स से प्रश्न पूछे जाते हैं, जो अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करना बहुत सहायक हो सकता है। यह देखने में आया है कि वार्षिक परीक्षाओं में अधिकतर प्रश्न पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों से आ जाते हैं।
समय का सही उपयोग करना परीक्षा की सफलता की कुंजी है। एक दिन में 8 से 9 घंटे पढ़ाई करें, लेकिन बीच-बीच में छोटे ब्रेक भी लें। दोहराई के लिए सुबह के समय को प्राथमिकता दें, क्योंकि यह समय स्मरण शक्ति के लिए सबसे अच्छा होता है।
अपनी सोच को सकारात्मक रखें और स्वयं को बार-बार याद दिलाएं कि परीक्षा कोई डरने की चीज नहीं है। किसी से भी अपनी तुलना न करें। प्रत्येक छात्र की क्षमता अलग-अलग होती है। गहरी साँस लेने, ध्यान (मेडिटेशन) और हल्के व्यायाम से मन को शांत रखें। पढ़ाई के बीच में मन पसंदीदा गतिविधियों (जैसे संगीत सुनना, टहलना, चित्र बनाना) के लिए थोड़ा थोड़ा समय निकालें।
लिखकर याद करना हमेशा अधिक प्रभावी होता है। हर विषय के प्रमुख बिंदुओं का संक्षिप्त नोट्स तैयार करें। मॉक टेस्ट से अभ्यास करें और समय सीमा के अंदर प्रश्न हल करने का प्रयास करें। उत्तर लिखने की गति बढ़ाने के लिए नियमित रूप से लिखने का अभ्यास करें। कभी-कभी समूह में पढ़ाई करना फायदेमंद होता है। अगर कोई टॉपिक समझ में नहीं आ रहा है, तो मित्रों के साथ उसे समझने का प्रयास करें। समूह अध्ययन से कठिन विषय भी आसानी से समझ आ जाते हैं। हमें अक्सर वे बातें देर तक याद रहती हैं जिनकी हम दूसरों के साथ चर्चा करते हैं या दूसरों से साझा करते हैं।
परीक्षा के दिनों में अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। याद रखिए हमारे पास बीमार पड़ने का समय कतई नहीं होता। इसलिए केवल पौष्टिक आहार लें। जंक फूड से बचें। कईं बच्चे खाने के प्रति ध्यान नहीं देते, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि पर्याप्त मात्रा में कैलोरी न मिलने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है और रोग हमारे शरीर पर आक्रमण कर देते है। बीमार तन हो तो मन भी बीमार हो जाता है, तब पढ़ाई में मन लगेगा भी तो कैसे? परीक्षा के समय पूरी नींद लें। नींद की कमी से याद करने की क्षमता कम हो जाती है। पानी अधिक मात्रा में पीएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और दिमाग सक्रिय बना रहे।
परीक्षा के समय क्या करें
- परीक्षा से पहले बिल्कुल भी न घबराएं। अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें। आत्मविश्वास से मस्तिष्क सक्रिय रहता है। जो भी आपने याद किया है, वह समय पर आपको याद आता चला जाएगा।
- परीक्षा हॉल में जाने से पहले एक बार गहरी साँस लें और खुद को मानसिक रूप से तैयार करें। प्रश्न पत्र मिलने के बाद पहले उसे अच्छी तरह पढ़ें। पहले उन प्रश्नों को हल करें, जिनका उत्तर आपको अच्छी तरह आता हो। उत्तर लिखते समय आवश्यक बिंदुओं पर ध्यान दें और स्पष्टता बनाए रखें। उत्तर देते समय ध्यान रखें कि बहुविकल्पी, एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर देने वाले प्रश्न यदि एक ही प्रश्न के भाग हैं तो उन्हें एक ही स्थान पर हल करें। लघुत्तरात्मक और दीर्घउत्तरात्मक प्रश्न का उत्तर लिखने के बाद एक पंक्ति अवश्य छोड़ दें।
- यदि समय बचा हो तो पेपर खत्म करने के बाद अपने दिए गए उत्तरों की समीक्षा करें। उत्तरों को एक बार दोबारा पढ़ लें। इससे कोई गलती हुई हो, तो उसे ठीक किया जा सकता है।
- परीक्षा का समय प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में एक महत्वपूर्ण चरण होता है, लेकिन यदि सही रणनीति और आत्मविश्वास के साथ तैयारी की जाए, तो यह समय भी आसानी से पार किया जा सकता है। एक व्यवस्थित अध्ययन योजना, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, मॉक टेस्ट का अभ्यास, तनाव प्रबंधन और सही दिनचर्या अपनाने से छात्र अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परीक्षा को एक बोझ न समझें, बल्कि इसे एक अवसर मानें, जिससे आप अपनी क्षमता को सिद्ध कर सकते हैं। अगर आप परीक्षा को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखेंगे, तो न केवल आप बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे, बल्कि यह अनुभव भी आपको जीवन के अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
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