जरूरतमंद लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए एक पारदर्शी सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। सीधे उनके बैंक खातों में सब्सिडी या सहायता राशि भेजी जानी चाहिए। नागरिकों को उनके लिए बनाई गई योजनाओं की योजना प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से खुले तौर पर और पूरी तरह से भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। ग्राम पंचायत सामुदायिक केंद्रों और स्कूलों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। गांवों में और शहरी बस्तियों में कैंप लगवाने चाहिए। रेडियो टीवी सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना चाहिए। लाभार्थियों को योजनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए स्थानीय सरल और स्पष्ट भाषा में जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए। पंचायतों नगर पालिकाओं और स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से भी लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। वृद्धों विकलांग और अशिक्षित लोगों के लिए घर-घर जाकर सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। – मोदिता सनाढ्य, उदयपुर
सरकारी योजनाओं का लाभ कमजोर एवं जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए योजनाओं का प्रचार प्रसार होना जरूरी है। इसके लिए संचार माध्यमों के जरिए जागरूकता फैलाई जानी चाहिए। संबंधित कार्यालयों में हेल्प डेस्क का निर्माण होना चाहिए। – ललित महालकरी, इंदौर
कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार होने के कारण जरूरतमंद लोगों तक लाभ पहुंच नहीं पाता है। भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की दरकार है। – डॉ. मदनलाल गांगले, रतलाम कमीशनखोरी पर लगाम लगे
सरकारी योजनाओं का लाभ कमजोर वर्गों तक पहुंचे इसके लिए कमीशनखोरी को बंद करने की आवश्यकता है। सक्षम लोग भी कमजोर वर्गों के लिए चल रही योजनाओं का फायदा जिम्मेदार एजेंसियों को कमीशनखोरी के आधार पर उठा रहे हैं। कमजोर वर्गो के परिवार का पहले आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण कर मजबूत डाटा कम से कम दो-तीन सर्वे के बाद तैयार कर उन्हें ही लाभ डायरेक्ट मिले। – हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, (मध्यप्रदेश)