मेरे हिसाब से बजट में वरिष्ठ नागरिकों को कोरोनाकाल में बंद की गई सभी श्रेणियों के रेल यात्रा टिकट पर दी जाने वाली रियायत दोबारा शुरू किए जाने तथा दस लाख रुपए तक की आय वालों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दिए जाने की घोषणाएं भी की जानी चाहिए थी। – वसंत बापट, भोपाल
बजट देश की आर्थिक दिशा तय करने का एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इसमें संतुलन होना जरूरी है ताकि सभी वर्गों को लाभ मिले। इस साल के बजट में कुछ चीज़ों को और अधिक प्राथमिकता दी जा सकती थी। रोजमर्रा की वस्तुओं, खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अधिक ठोस उपाय किए जा सकते थे। महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं, सुरक्षा उपाय और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार किया जा सकता था। कुल मिलाकर, बजट को और समावेशी और जनहितकारी बनाने के लिए कुछ और नीतिगत फैसले लिए जा सकते थे। – डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
केन्द्रीय बजट हो या राज्य स्तर का, बजट में हर साल, जो घोषणा की जाती हैं। उनमें से अधिकांश घोषणाएं धरातल पर कदम नहीं रख पाती है। उससे पहले दूसरे बजट की नई घोषणाएं आ जाती हैं। सरकारों की ओर से घोषणाएं ऐसी होनी चाहिए कि बजट का जितना कार्यकाल होता है उसी तय समय में पूरी होनी चाहिए। आमजन के हित में काम आनी चाहिए। दीर्घकालीन घोषणाएं काग़जों में ही सिमटी रहती हैं। घोषणाएं छोटी-छोटी होनी चाहिए, लेकिन प्रभावपूर्ण ताकि आमजन के साथ-साथ देश का विकास हो सके। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल एवं रक्षा पर अधिक खर्च होना चाहिए। ताकि देश सदैव प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहे।
- कुमार जितेन्द्र “जीत” मोकलसर बाड़मेर (राज.)
आम बजट लोकसभा में पेश हो गया कई घोषणाएं अच्छी हैं, लेकिन स्वास्थ्य और शिक्षा के ढांचागत बदलाव के लिए व्यापक रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। आयुष्मान कार्ड का निजी अस्पतालों में अनावश्यक दुरूपयोग करने के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाकर आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की जरूरत है। सरकारी स्कूलों में भी व्यापक सुधार करना चाहिए। – हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, (मध्यप्रदेश)
बजट देश की आर्थिक दिशा तय करने का एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इसमें संतुलन होना जरूरी है ताकि सभी वर्गों को लाभ मिले। इस साल के बजट में कुछ चीज़ों को और अधिक प्राथमिकता दी जा सकती थी। रोजमर्रा की वस्तुओं, खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अधिक ठोस उपाय किए जा सकते थे। महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं, सुरक्षा उपाय और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार किया जा सकता था। कुल मिलाकर, बजट को और समावेशी और जनहितकारी बनाने के लिए कुछ और नीतिगत फैसले लिए जा सकते थे। – डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
बजट 2025 में उन बातों को शामिल किया जाना चाहिए था, जो इसे और भी बेहतर बना सकती थीं। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए था। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से कृषि को बचाने के लिए उपाय होने चाहिए। कौशल आधारित विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाना चाहिए। नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों के बारे में विचार किया जाना चाहिए। – सत्तार खान कायमखानी, नागौर
बेरोजगारी और कौशल विकास के लिए कुछ योजनाएं आई हैं, लेकिन रोजगार सृजन और अन्य ठोस योजनाओं की जरूरत थी। – संजय माकोड़े बैतूल स्वास्थ्य पर शिक्षा का लाभ हर आमजन को मिले
सरकार ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य को लेकर कोई खास योजना या घोषणा नहीं की। सरकार को इन दो क्षेत्रों को लेकर कोई अच्छी योजना को लागू करना चाहिए था, जिससे हर आम इंसान को स्वास्थ्य का लाभ ओर शिक्षा मिल सके।
महेन्द्र कुमार बोस, बाड़मेर (राज.)