जिला रसद अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अपात्र व्यक्तियों के नाम हटाने के लिए गिव-अप अभियान 3 दिसम्बर 2024 से चलाया जा रहा है। पहले इस अभियान की अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 28 फरवरी किया गया था, और अब यह 31 मार्च तक बढ़ाई गई है। अब तक 1882 अपात्र आवेदकों ने स्वेच्छा से अपने नाम हटवाने के लिए आवेदन किया है, और कुल 7528 यूनिटों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। साथ ही, विभाग अपात्र व्यक्तियों को प्रेरित कर रहा है ताकि वे स्वेच्छा से नाम हटवाएं।
वसूली और विधिक कार्रवाई की तैयारी
विभाग ने 65 अपात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यदि इन नोटिसों का संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है, तो 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब से वसूली की जाएगी। विभाग ने यह भी बताया कि पिछले समय में कांग्रेस सरकार के दौरान खाद्य सुरक्षा सूची में जुड़ी सरकारी कर्मचारियों से भी रिकवरी की गई थी, और अब उसी प्रकार अपात्रों से वसूली की तैयारी की जा रही है।
अपात्रों के खिलाफ विधिक कार्रवाई
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अपात्र परिवारों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे परिवार जो इस श्रेणी में आते हैं, उन्हें तत्काल उपखण्ड कार्यालय या जिला रसद कार्यालय में उपस्थित होकर अपने नाम हटवाने के लिए आवेदन प्रस्तुत करना होगा।